धर्मनगरी के लोगों का नहीं होम स्टे में रुझान
बसंत कुमार, हरिद्वार पंडित दीनदयाल गृह आवास योजना (होम स्टे) में धर्मनगरी के लोग दिलचस्पी
बसंत कुमार, हरिद्वार
पंडित दीनदयाल गृह आवास योजना (होम स्टे) में धर्मनगरी के लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। आलम यह है कि दो सालों में जनपद के महज 11 लोग ही योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराकर पर्यटकों को ठहरा रहे हैं। जिससे हरिद्वार में योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।
2016 में उत्तराखंड सरकार ने गोवा की तर्ज पर होम स्टे योजना शुरू की है। योजना का मकसद पर्यटकों को घर जैसा माहौल और भोजन आदि उपलब्ध कराना है। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। हालांकि यह योजना पर्वतीय क्षेत्रों में काफी कारगर साबित हो रही है। बावजूद इसके विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी के लोग योजना में ज्यादा रुझान नहीं दिखा रहे हैं। जबकि हरिद्वार मैदानी क्षेत्र होने की वजह से यहां होम स्टे की अपार संभावनाएं हैं। चूंकि यहां प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। बावजूद इसके धर्मनगरी में 11 लोग ही होम स्टे योजना का लाभ उठा रहे हैं। इनमें हरिद्वार और ज्वालापुर क्षेत्र में आठ रजिस्ट्रेटशन कराए गए हैं, जबकि एक रुड़की में सिविल लाइंस, एक भेल और एक ग्राम पंचायत पीली में अतिथियों को होम स्टे कराया जा रहा है। क्या है होम स्टे योजना
हरिद्वार : होम स्टे याजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपने मकान में अधिकतम छह कक्षों में पर्यटकों को रुकवा सकता है। जिस मकान में शौचालय, स्नानघर और पेयजल, खानपान की समुचित व्यवस्था हो सके। इसके लिए मकान मालिक का रजिस्ट्रेशन पर्यटन विभाग में दो साल के लिए पांच सौ रुपये में कराया जाएगा। इसके अलावा उसे किसी भी प्रकार का टैक्स आदि नहीं देना पड़ेगा। बिजली और पानी आदि कनेक्शन का बिल भी घरेलू दरों पर वसूला जाएगा। अपग्रेड को नहीं लिया सब्सिडी का लाभ
योजना के तहत पहली बार अपने आवास और मकानों का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद लोग अपने यहां अतिथियों को रोकने का काम शुरू कर सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें गेस्ट हाउस को अपग्रेड करना है तो उसके लिए वह एक लाख रुपये से लेकर तीस लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। जिसमें पर्यटन विभाग लाभार्थी को 25 फीसद सब्सिडी देता है। लेकिन अपग्रेड योजना में नगर निगम क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है। नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्र के लोग लाभ ले सकते हैं। लेकिन दो सालों में अपग्रेड सब्सिडी योजना का लाभ पंजीकृत 11 में से किसी ने नहीं लिया है। बोले होम स्टे संचालक
ऋषिकुल-हरिद्वार के पास साथ दक्ष होम स्टे के संचालक राजकुमार शर्मा ने बताया कि उनके पास छह कमरे हैं। जिनमें रोजाना तीन से चार भवन बुक हो जाते हैं। जिससे उन्हें रोजाना एक हजार से डेढ़ हजार रुपये की आमदनी हो जाती है। वहीं, चंद्राचार्य चौक के निकट अरुण होम स्टे के संचालक राधेश्याम का कहना है कि उनके पास छह रूम हैं। जिनमें से प्रतिदिन चार से पांच कमरों में अतिथि आकर रुकते हैं। हरिद्वार शहर में अधिक संख्या में होटल, धर्मशालाएं और आश्रमों में ठहरने की उचित व्यवस्था है। इसलिए होम स्टे योजना में लोगों का रुझान कम है। बावजूद इसके अभी नौ और अन्य लोगों ने होम स्टे के लिए आवेदन किया है। जिन्हें भी जांच पड़ताल करने के बाद स्वीकृति प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ दिलाने के लिए और अधिक प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। सीमा नौटियाल, जिला पर्यटन अधिकारी, हरिद्वार