¨हदी में बढ़ रहा पूरी दुनिया का रुझान
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भूपतवाला स्थित विश्वनाथ धाम आश्रम में दो दिवसीय ¨हदी साहित्य सम्मेलन के
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भूपतवाला स्थित विश्वनाथ धाम आश्रम में दो दिवसीय ¨हदी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में महामंडलेश्वर प्रखर महाराज ने कहा कि जैसे गंगा नदी निर्मलता और अविरलता के साथ प्रवाहित होती है, वैसे ही आज भारत में ही नहीं पूरे विश्व में ¨हदी भाषा प्रवाहित हो रही है। पूरी दुनिया का रुझान ¨हदी सीखने की ओर बढ़ रहा है। कहा कि हिन्दी को जो सम्मान विश्व के अन्य देशों में मिल रहा है, वैसा सम्मान भारत में नहीं मिल रहा है। यह एक शोचनीय और विचारणीय प्रश्न है।
बतौर मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश की रहने वाली डॉ. रीता ¨सह ने कहा कि मॉरीशस में संपन्न विश्व ¨हदी सम्मेलन में ¨हदी के प्रचार-प्रसार को लेकर अनेक महत्वपूर्ण फैसले हुए। डॉ. ¨सह ने कहा कि ¨हदी को हम सबको अपनाना चाहिए। इसे अपने व्यवहार और आचरण में लाएं। डॉ. महेश दिवाकर ने कहा कि भारत सरकार के सभी विश्वविद्यालयों में ¨हदी अध्ययन और अध्यापन होना चाहिए और प्रशासकीय सेवाओं की परीक्षाएं भी ¨हदी माध्यम से ही होनी चाहिए।
चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी (हरियाणा) के प्रोफेसर बाबूराम आचार्य ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि हमारा गौरव भी है। डॉ. भूपेंद्र ¨सह शून्य ने कहा कि ¨हदी के उन्नयन और संवर्धन को लेकर गंभीर चिंतन होना चाहिए। ¨हदी बाजारवाद के चलते पिछड़ रही है। जाने माने साहित्यकार डॉ. ज्वाला प्रसाद, कौशल सिखौला, डॉ. रजनी, रमेश रमन, डॉ. राकेश चक्र, मनोज मानव, स्वाति रस्तोगी, अनमोल शुक्ल, महावीर ¨सह, डॉ. सरिता चड्ढा, डॉ. आदर्शिनी श्रीवास्तव आदि ने भी विचार व्यक्त किए। जाने माने साहित्यकार डॉ. हेमराज वोहरा की पुस्तकों पर विशेष चर्चा हुई। कार्यक्रम का संचालन बृजेंद्र हर्ष और डॉ. महेश दिवाकर ने संयुक्त रूप से किया।
संयोजक बृजेन्द्र हर्ष ने बताया कि दो दिवसीय ¨हदी साहित्य सम्मेलन का समापन रविवार शाम होगा। सम्मेलन में देश के सभी राज्यों से करीब 70 साहित्यकार प्रतिभाग कर रहे हैं। इससे पूर्व महामंडलेश्वर प्रखर महाराज, साहित्यकार डॉ. रीता ¨सह, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बाबूराम आचार्य, डॉ. यश ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।