Haridwar: बड़ा अखाड़ा के मुखिया महंत दुर्गादास ने जताया जान का खतरा, मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांगी सुरक्षा
Haridwar श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा के मुखिया महंत दुर्गादास ने अखाड़े में चल रहे विवाद के कारण अपनी जान पर खतरे का अंदेशा जाहिर किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार हरिद्वार जिलाधिकारी और एसएसपी को पत्र भेजकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की मांग की है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास ने अखाड़े में चल रहे विवाद के कारण अपनी जान पर खतरे का अंदेशा जाहिर किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्यार्ल और एसएसपी अजय सिंह को पत्र भेजकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की मांग की है।
अखाड़े के मुखिया महंत महंत दुर्गादास में दो दिन पूर्व अखाड़े के आठ संत-महंत के साथ अखाड़े में पत्रकारवार्ता कर अखाड़े की परंपरा व व्यवस्था को नष्ट-भ्रष्ट करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह अनियमितताओं और व्यापार में संलग्न अखाड़े से निकाले गए पदाधिकारियों पर एक राजनेता और प्रॉपर्टी डीलर की शह ऐसा करने का आरोप लगाया था।
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत रघु मुनि, कोठारी महंत दामोदर दास, अग्रदास और दर्शन दास को अनियमितताओं, अखाड़ा परंपरा का पालन ना करना, विपरीत कार्य करना और व्यापार में लिप्त रहने आदि के आरोप में दो मई को पद मुक्त करते हुए अखाड़े से बाहर कर दिया था। अखाड़े के पंच परमेश्वर के लिए गए इस निर्णय का मुखिया महंत रहे रघु मुनि और कोठारी महंत रहे दामोदरदास ने कड़ा विरोध किया है। यहां तक की इन्होंने अखाड़ा परंपरा के विपरीत जाकर अखाड़े के पंच परमेश्वर के इस आदेश को कोर्ट में भी चुनौती दी।
आरोप है कि पद मुक्त होने के बाद और पद का कार्यभार वापस लिए जाने के बावजूद यह लोग पद के अनुसार अखाड़े के निर्धारित कक्ष को खाली नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं आरोप है कि इन्होंने अखाड़े के सभागार और कुछ कक्ष इत्यादि के तारे भी तोड़ दिए। इससे अखाड़े में रह रहे हैं अन्य साधु-संतों में भय की स्थिति पैदा हो गई है और उन्हें अपनी जान का खतरा सता रहा है।
मुखिया महंत दुर्गादास ने आरोप लगाया कि रघु मुनि और दामोदरदास यह सब एक राजनेता और उनसे जुड़े एक प्रॉपर्टी डीलर की सह पर कर रहे हैं। उक्त सभी से उन्हें और उनके साथियों को जान का खतरा है, उन्होंने आरोपों के संदर्भ में जांच की मांग करते हुए अखाड़े के संतों को सुरक्षा दिए जाने की मांग की।