राज्यपाल ने किया श्रीचंद्र भगवान की प्रतिमा का अनावरण
कुंभ मेला की तैयारियों के अहम पड़ाव के रूप में गुरुवार को श्रीचंद्राचार्य चौक पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने श्रीचंद्र भगवान की प्रतिमा का अनावरण किया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कुंभ मेला की तैयारियों के अहम पड़ाव के रूप में गुरुवार को श्रीचंद्राचार्य चौक पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने श्रीचंद्र भगवान की प्रतिमा का अनावरण किया।
इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि हमारी संस्कृति और इतिहास की एक महान विभूति की प्रतिमा का पुनस्र्थापना का अवसर हम सब को मिला है। नगर के बीच मुख्य बाजार रानीपुर मोड़ के सबसे व्यस्त चौराहे चंद्रचार्य चौक पर स्थापित श्रीचंद्रदेव की प्रतिमा हमारी भावी पीढि़यों को हमारे महापुरुषों की जानकारी देगी। कहा कि श्रीचंद्रदेव इतिहास में राष्ट्रीय एकता के पक्षधर बन सभी के प्रेरणास्रोत बने। श्रीचंद्रदेव ने जाति धर्म संप्रदाय की भावना से ऊपर उठकर सभी को राष्ट्रीय एकता का लक्ष्य दिया। हम सब को भी एक दूसरे के कष्टों को महसूस कर सहयोग की भावना अपनानी चाहिए, सबकी उन्नति की कामना करने चाहिए। यही भावना भारतीय संस्कृति को विशेष बनाती है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यह हमारे लिए गौरवशाली है कि हम ऐसे श्रीचंद्रदेव भगवान के दिखाए और सिखाए रास्ते का अनुशरण कर रहे हैं। कहा कि भगवान की प्रतिमा अनावरण विशेष अवसर है और हम प्रार्थना व कामना करते हैं कि उनकी कृपा और आशीर्वाद से हरिद्वार कुंभ अपनी भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न हो। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि भगवान श्रीचंद्रदेव ने जगत के कल्याण का संकल्प लेकर प्राणी मात्र की सेवा है। हमें उनके जीवन, शिक्षा से प्रेरणा लेकर अपनी जीवन को उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। बड़ा अखाड़ा उदासीन के श्रीमहंत महेश्वरदास ने कहा कि आराध्य भगवान श्रीचंद्रदेव के दिखाए रास्ते का अनुशरण कर अखाड़ा पूरे विश्व में उनके संदेश के प्रचार-प्रसार का काम कर रहा है।
कार्यक्रम में बड़ा अखाड़ा उदासीन के श्री महंत रघुमुनि महाराज, योगगुरु बाबा रामदेव, बड़े अखाडे़ के कोठारी महंत दामोदर दास, आचार्य बालकृष्ण, स्वामी हरिचेतनानंद, संजय महंत, सतपाल ब्रह्मचारी, कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, आइजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह, ललित नारायण मिश्र, सीओ अभय प्रताप सिंह, भूपेंद्र कुमार सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी एवं साधु-संत उपस्थित रहे।