प्रसूति गृह बनकर तैयार लेकिन गायनी सर्जन नहीं
संवाद सहयोगी, रुड़की: सिविल अस्पताल में संसाधन तो बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों की कम
संवाद सहयोगी, रुड़की: सिविल अस्पताल में संसाधन तो बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों की कमी को दूर करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण मरीजों को अस्पताल में पूरा उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में नया प्रसूति गृह बनकर तैयार हो चुका है। जिसमें करीब छह गर्भवती महिलाओं को रखा जा सकता है, लेकिन गायनी सर्जन अस्पताल में नहीं है। ऐसे में यदि किसी गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने के कारण ऑपरेशन की स्थिति आती है तो उसे रेफर कर दिया जाता है। जिससे गर्भवती और उसके परिजनों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
रुड़की के सिविल अस्पताल में हर माह औसतन 150-200 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होती है। गर्भवती महिलाओं की संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना से अस्पताल का प्रसूति गृह बड़ा बना दिया गया है। अक्टूबर में यह प्रसूति गृह अस्पताल के सुपुर्द किया जा सकता है। इससे करीब छह गर्भवती महिलाओं को भर्ती किया जा सकेगा लेकिन अस्पताल प्रसूति गृह को तो बढ़ा दिया गया है, लेकिन गायनी सर्जन की व्यवस्था अस्पताल में नहीं है। जिससे गर्भवती महिलाओं की नार्मल डिलीवरी तो अस्पताल में करा दी जाती है, लेकिन ऑपरेशन की स्थिति में गर्भवती को रेफर कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में गर्भवती के साथ उसके परिजनों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। अस्पताल में अगर गायनी सर्जन हो तो गर्भवती महिलाओं को उपचार के लिए कहीं जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस समय अस्पताल में दो महिला चिकित्सक हैं, लेकिन यह महिला चिकित्सक आपरेशन नहीं कर सकती हैं। सीएमएस डॉ. डीके चक्रपाणि ने बताया कि गायनी सर्जन न होने की वजह से गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कत आ जाती है। निदेशालय को गायनी सर्जन के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक अस्पताल को गायनी सर्जन नहीं मिल पाई है।