Move to Jagran APP

रसूलपुर के ग्रामीणों को सताने लगा बाढ़ का डर

संवाद सूत्र लालढांग लालढांग के रसूलपुर गांव के ग्रामीणों को बरसात की आहट से बाढ़ का खत

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 06:30 AM (IST)
रसूलपुर के ग्रामीणों को सताने लगा बाढ़ का डर

संवाद सूत्र, लालढांग: लालढांग के रसूलपुर गांव के ग्रामीणों को बरसात की आहट से बाढ़ का खतरा सताने लगा है। पर्यटन और सिचाई मंत्री सतपाल महाराज का लालढांग की बरसाती नदी रवासन के किनारे तटबंध बनाने और पानी की धारा का रुख गांव की ओर से दूसरी ओर करने का वादा धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है। सिंचाई मंत्री ने अगस्त 2017 में रवासन नदी का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य करने का आदेश दिया था। 2017 में पहाड़ी क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई, जिसका असर हरिद्वार के सुदूर क्षेत्र लालढांग की रवासन नदी में देखने को मिला।

loksabha election banner

बरसात के दिनों में रवासन नदी का बहाव इतना जबरदस्त था कि रसूलपुर गांव के ग्रामीण गांव में ही फंसे रहे। स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी स्कूल जाने से वंचित रहना पड़ा। पानी की तेज धारा के कारण किसानों के कई बीघा खेत पानी की चपेट में आकर जमींदोज हो गए थे। ग्रामीणों ने नदी के तट पर तटबंध बनाने की मांग स्थानीय विधायक स्वामी ईश्वरानंद से की थी। स्थानीय विधायक ने इसके लिए पर्यटन एवं सिचाई मंत्री सतपाल महाराज से नदी का निरीक्षण करने का आग्रह किया था। इस पर 5 अगस्त 2017 को मंत्री सतपाल महाराज व विधायक यतीश्वरानंद ने नदी का स्थलीय निरीक्षण किया था। ग्रामीणों ने मंत्री से गांव को बचाने के लिए रवासन नदी के तट पर तटबंध बनाने की मांग की थी। साथ ही पानी का रुख गांव की ओर से दूसरी ओर मोड़ने का आग्रह किया था। मंत्री ने इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य करने को निर्देशित किया था पर, निरीक्षण के दो साल बाद भी स्थिति जस की तस है। ग्रामीणों को अब आने वाली बरसात में गांव में पानी घुसने का खतरा सताने लगा है।

स्थानीय विनोद बडोला, दीपक, देवीदत्त जोशी, लक्ष्मी दत्त, पंकज चमोली ने बताया कि नदी के दोनों ओर तटबंध बनाया जाना अत्यावश्यक है। नहीं तो इस बार पानी का रुख गांव की ओर हो जाएगा। एक तरफ से पानी लालढांग बाजार और दूसरी तरफ से रसूलपुर के गांव में घुसकर भारी तबाही मचा सकता है। लोगों का आरोप है कि बरसात के समय अधिकारी नदी में बह गई जमीन का मुआवजा देने का वादा करते हैं, लेकिन उसके बाद कई चक्कर काटने के बाद सिर्फ नाम मात्र का ही मुआवजा पीड़ित को देते हैं। वहीं, हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि सिचाई विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर गांव को बचाने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.