फर्जी आदेश वायरल होने का असर, कम रही उपस्थिति
जागरण संवाददाता हरिद्वार ईगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश के फर्जी आदेश वायरल होने का असर
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: ईगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश के फर्जी आदेश वायरल होने का असर कई स्कूल कॉलेज में साफ दिखा। भले ही अपर मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा, लेकिन शुक्रवार को कई शिक्षण संस्थानों में उपस्थिति कम रही। स्कूल पहुंचे शिक्षकों ने एक भी छात्रों के न होने पर घर से बुलाया।
गुरुवार को शासन के अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी एक आदेश में आठ नवंबर को ईगास छोटी दीवाली पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह पत्र तेजी से सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे के पास पहुंचा। कई स्कूलों में स्कूल बंद होने के कुछ समय पहले पत्र जारी होने की जानकारी मिलने पर शिक्षकों ने शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया। हालांकि इसकी जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन में अपर मुख्य सचिव ने अपने स्तर से एक आदेश जारी कर सोशल मीडिया पर प्रसारित पत्र को फर्जी व झूठा बताते हुए इसे वायरल करने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिया। बाद में इसे भी सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह जब शिक्षक स्कूल पहुंच तो बच्चे नदारद। इस पर भागकर शिक्षकों ने कई छात्र छात्राओं को बुलाया। अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने की मनुहार की। फिर भी उपस्थिति अन्य दिनों की तुलना में कम रही। कई कार्यालयों में भी भ्रम की स्थिति रही। मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज का कहना है कि अवकाश का आदेश यदि शासन स्तर से जारी होता है तो प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से भी कन्फर्म करना चाहिए। यदि कहीं भी अपने मन से स्कूल बंद रखने की शिकायत मिलेगी तो वहां के
प्रधानाचार्य पर कार्रवाई होगी।
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फोटो-15-16-अध्यापकों ने पहले घोषित किया अवकाश, फिर घर से बुलाकर लाए
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क्षेत्र के स्कूलों में कम रही उपस्थिति
संवाद सूत्र, लालढांग: ईगास छोटी दीवाली पर सार्वजनिक अवकाश के वायरल हुए आदेश के क्रम में आदर्श माडल डिग्री कॉलेज के अध्यापकों ने स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया था। शुक्रवार सुबह स्कूल पहुंचने पर आसपास रहने वाले छात्र छात्राओं को घर से बुलाकर लाना पड़ा।
अवकाश के वायरल होने का असर लालढांग के आदर्श माडल डिग्री कॉलेज में देखने को मिला। स्कूल के शिक्षकों ने उस मैसेज को पढ़कर शुक्रवार को अवकाश की घोषणा कर दिया था। देर शाम अपर सचिव के आदेश पर इसके स्पष्टीकरण और फर्जी होने की बात साफ होने पर शिक्षक कॉलेज पहुंचे। सुबह एक भी छात्र कॉलेज नहीं आए। चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी नहीं आया था। शिक्षक भागे दौड़े गांव में पहुंचे। वहां के कई छात्र-छात्राओं और चतुर्थ श्रेणी कर्मी को बुलाया। बावजूद बमुश्किल 20 छात्र.छात्राएं ही उपस्थित हुए। प्रभारी प्रधानाध्यापक मदन मोहन शर्मा ने बताया उनके आफिसियल ग्रुप में छुट्टी का आदेश उस समय डाला गया था जब कॉलेज में छुट्टी होने वाली थी। खंड शिक्षाधिकारी बहादराबाद अजय चौधरी ने बताया कि विकास खंड में सभी स्कूल कॉलेज खुले। वायरल हुए आदेश से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। यदि किसी शिक्षक व प्रधानाध्यापक ने आदेश होने के बाद भी जान बूझकर मनमानी की होगी तो इसकी जांच में पुष्टि होने पर कार्रवाई होगी।