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एसएमएस देखकर खिल रहे किसानों के चेहरे

जागरण संवाददाता रुड़की गन्ना पर्चियों की जानकारी लेने के लिए किसानों को अब गन्ना समितियों क

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:27 AM (IST)
एसएमएस देखकर खिल रहे किसानों के चेहरे

जागरण संवाददाता, रुड़की: गन्ना पर्चियों की जानकारी लेने के लिए किसानों को अब गन्ना समितियों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। गन्ना विभाग की ओर से पर्ची जारी होते ही किसानों के पास मैसेज पहुंच जा रहे हैं। इससे किसानों के चेहरे खिल गए हैं। वहीं, गन्ना विभाग उन किसानों के मोबाइल नंबर भी अपडेट करने में जुट गया है, जिनके नंबर अभी तक अपडेट नहीं हो सके हैं।

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गन्ना विभाग को हाईटेक बनाने की कवायद पिछले कई साल से जारी है। गन्ना विभाग की कोशिश है कि कम से कम किसानों का बेसिक कोटा, गन्ने की पर्चियां एवं भुगतान की स्थिति ऑनलाइन हो। किसान को मैसेज के जरिये इस बात की जानकारी मिल जाए। पिछले साल इस कवायद पर जोर-शोर से काम हुआ, लेकिन संबंधित फर्म ही काम को बीच में छोड़कर भाग निकली। इस साल गन्ना विभाग की ओर से इस ओर कवायद शुरू की गई। किसानों का बेसिक कोटा एवं गन्ने की पर्चियां आदि को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब जैसे ही गन्ना विभाग पर्चियां जारी कर रहा है, तो किसानों के पास उसके मैसेज पहुंच जा रहे हैं। किसान राजबीर सिंह, महकार सिंह, अल्लादिया, रिजवान अहमद आदि ने बताया कि मैसेज से किसान को बड़ी सुविधा हो गई है। अब किसान के पास पर्ची आए या न आए, मैसेज दिखाकर वह गन्ने की तोल तो करवा सकेगा, अन्यथा पहले किसानों को गन्ना समितियों के चक्कर काटने पड़ रहे थे। इस संबंध में सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि सिस्टम को ओर अपडेट किया जा रहा है, ताकि किसानों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।


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