थर्मल स्क्रीनिंग के बगैर नहीं जा सकेंगे हरकी पैड़ी
करीब तीन माह तक बंद रही धार्मिक गतिविधियों के अनलॉक-1 में शुरू होने की उम्मीद बंधी है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: करीब तीन माह तक बंद रही धार्मिक गतिविधियों के अनलॉक-1 में शुरू होने की उम्मीद बंधी है। उम्मीद जताई जा रही है कि आठ जून के बाद सरकार इसकी अनुमति दे दे। जिला प्रशासन मठ-मंदिरों के पीठाधीश्वर, प्रबंध समिति के साथ समन्वय बनाकर इस संबंध में गाइड लाइन तैयार कर रहा है।
हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा ने फैसला लिया है कि हरकी पैड़ी क्षेत्र में बिना थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बगैर किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि इसके अलावा गंगा सभा रोजाना सुबह-शाम होने वाली गंगा आरती व अन्य मौकों पर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आने वाले श्रद्धालुओं के शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराने के लिए उनकी संख्या नियंत्रित करने पर भी विचार कर रही है। फिलहाल इस संबंध में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। यहां आने वाले सभी को शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा हरकी पैड़ी क्षेत्र को दिन में दो बार सैनिटाइज किया जाएगा।
कनखल के हरिहर आश्रम स्थित पारद शिवलिग मंदिर और महामृत्युंजय मंदिर के साथ-साथ शतायु रुद्राक्ष वृक्ष के दर्शन पूजन को भी यही व्यवस्था लागू रहेगी। हरिहर आश्रम के प्रमुख और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने बताया कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सभी तरह के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। सिद्धपीठ मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविद्र पुरी ने कहा कि मंदिर में लॉकडाउन से पहले ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई थी। मंदिर परिसर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क के बगैर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि मंदिर परिसर में प्रवेश के पहले सभी श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से सैनिटाइज किया जाएगा। मंदिर परिसर में किसी को भी सामूहिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी। दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत रविदर पुरी ने कहा कि मंदिर में सामूहिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी। ------------------
'सरकारी आदेश और गाइड लाइन के आधार पर धार्मिक गतिविधियों और श्रद्धालुओं के आने-जाने की अनुमति होगी। इसके लिए इस अनुरूप स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए आपसी समन्वय से व्यवस्था तैयार की जा रही हैं। ताकि हर तरह के नियमों का पालन हो। तय गाइड-लाइन का सख्ती के पालन कराया जाएगा, प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।'
सी. रविशंकर, जिलाधिकारी हरिद्वार