जनता त्रस्त, बिजली इंजीनियर कर रहे मौज
जागरण संवाददाता, रुड़की: रुड़की शहर में बिजली आपूर्ति पिछले चार महीने से पटरी से उतरी
जागरण संवाददाता, रुड़की: रुड़की शहर में बिजली आपूर्ति पिछले चार महीने से पटरी से उतरी हुई है। आए दिन किसी न किसी कॉलोनी, मोहल्ले की बिजली गुल हो जा रही है। लाइनें घंटों क्षतिग्रस्त रहती हैं, लेकिन समय रहते दुरुस्त करने की ऊर्जा निगम जहमत नहीं उठाता। यही नहीं अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता आमतौर पर उपभोक्ताओं की कॉल तक रिसीव नहीं कर रहे हैं। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
रुड़की शहरी क्षेत्र में पहले एक डिवीजन था। पूरे शहर और कलियर क्षेत्र की बिजली आपूर्ति का जिम्मा इसी शहरी डिवीजन के पास था। बेहतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था के लिए ऊर्जा निगम ने शहर में एक बजाय दो डिवीजन कर दिए। रामनगर के नाम से नया डिवीजन बनाया गया। पहले सिविल लाइंस, रामनगर और सब डिवीजन टू के नाम से तीन सब डिवीजन थे। अब सिविल लाइंस, हिमालयन, ब्रह्मपुर, धनौरी, कलियर, रामनगर प्रथम, रामनगर द्वितीय के नाम से सात डिवीजन हो गए हैं। बावजूद इसके रुड़की शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। पिछले दिनों रामनगर में कई घंटे तक बिजली नहीं रही। उपभोक्ता फोन मिलाते रहे लेकिन, किसी ने फोन कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में उप महाप्रबंधक को शिकायत की गई, तब कहीं जाकर निगम के इंजीनियरों ने रात में वैकल्पिक व्यवस्था की। बिजली बिल ठीक कराने से लेकर नए कनेक्शन के लिए शहर में पहले जैसी ही स्थिति बनी हुई है। उपभोक्ता नीरज शर्मा, सुनील कुमार आदि ने बताया कि नए डिवीजन व सब डिवीजन बनने से उपभोक्ताओं को तो कोई लाभ मिला नहीं है, इंजीनियरों को जरूर रुड़की में पो¨स्टग का लाभ मिला है। इस संबंध में उप महाप्रबंधक अमित कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों में कटौती ज्यादा हुई है। यह लाइनों के ओवरलोड होने की वजह से हुई है।