पूर्वी गंगनहर कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त, गांवों को खतरा
पूर्वी गंगनहर कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे गाजीवाली और कांगड़ी गांव के लिए खतरा पैदा हो गया है। इस मामले में उप्र सिंचाई विभाग की लापरवाही सामने आई है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी नहर की नियमित मरम्मत और सफाई नहीं कराते जिस कारण नहर में भारी मलबा इकट्ठा हो गया है।
संवाद सूत्र, लालढांग : पूर्वी गंगनहर कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे गाजीवाली और कांगड़ी गांव के लिए खतरा पैदा हो गया है। इस मामले में उप्र सिंचाई विभाग की लापरवाही सामने आई है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी नहर की नियमित मरम्मत और सफाई नहीं कराते, जिस कारण नहर में भारी मलबा इकट्ठा हो गया है। नहर कांगड़ी से लेकर चिड़ियापुर तक कई स्थानों में अब ढहने की स्थिति में है।
भीमगोडा बैराज से निकलने वाली पूर्वी गंगनहर से कांगड़ी, गाजीवाली, श्यामपुर, सजनपुर सहित बिजनौर, मुरादाबाद और उप्र के कई जिलों में सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई की जाती है। लेकिन, उप्र सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण गाजीवाली और श्यामपुर के ग्रामीणों को कभी भी नहर से खतरा उत्पन्न हो सकता है। कांगड़ी से लेकर बाहर पीली तक नहर कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो रखी है। पूर्व में नहर का क्षतिग्रस्त हिस्सा जंगल से सटा होने के कारण खतरा कम था, लेकिन अब गांव की तरफ भी नहर कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बता दें कि तीन साल पहले भी नहर टूटने से गाजीवाली और श्यामपुर में भारी तबाही मची थी। उस समय गनीमत यह रही थी कि नहर दिन में टूटने से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था। ग्रामीण राजीव लखेड़ा, अशोक रावत, जयपाल रावत, मनोज जोशी, राघवानंद शर्मा, सत्यवीर चौहान, भोजवीर चौहान, अनिल चौहान ने बताया कि पूर्व में नहर की मरम्मत करने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी को पत्र लिख चुके हैं। पर, गंगा बंदी के दौरान भी पूर्वी गंगनहर पर मरम्मत का कोई कार्य नहीं होता है, जिससे आने वाले समय में गाजीवाली और श्यामपुर गांव को कभी भी खतरा पैदा हो सकता है। सबसे ज्यादा खतरा तो उन स्थानों पर है, जहां से जंगली जानवर सहित वन गुर्जरों के मवेशी नहर में पानी पीने जाते है। पूर्वी गंगनहर के अवर अभियंता राजकुमार ने बताया कि उच्चाधिकारी अवकाश पर है। संभवत गुरुवार से मरम्मत का काम शुरू करा दिया जाएगा।