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शांतिकुंज में मनाया गया आसुरी वृत्ति पर विजय का महापर्व

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में अछाई की बुराई पर जीत का महापर्व दशहरा प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया। इस दौरान युगऋषि की पावन समाधि स्थल पर प्रातकालीन अंतेवासी भाइयों ने सामूहिक जप कर तन-मन से कमजोरियों बुराइयों और अहं भाव पर जीत की प्रार्थना की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:23 PM (IST)
शांतिकुंज में मनाया गया आसुरी वृत्ति पर विजय का महापर्व
शांतिकुंज में मनाया गया आसुरी वृत्ति पर विजय का महापर्व

हरिद्वार: गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में अच्छाई की बुराई पर जीत का महापर्व दशहरा प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया। इस दौरान युगऋषि की पावन समाधि स्थल पर प्रात:कालीन अंतेवासी भाइयों ने सामूहिक जप कर तन-मन से कमजोरियों, बुराइयों और अहं भाव पर जीत की प्रार्थना की। वहीं बुराइयों का अंत हो जैसे नारों के साथ पूरे परिसर में रैली निकाली गई।

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यह रैली पावन समाधि वापस पहुंचकर सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। इस दौरान बुराइयों पर विजय प्राप्त करने के विविध सूत्र सुझाए गए। गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि भगवान श्रीराम और उनकी सेना ने रावण और उसकी राक्षसी सेना को मारकर विजय प्राप्त किया था। उसकी याद में हम सब दशहरा का पर्व मना रहे हैं। आज युवा पीढ़ी को सत्प्रवृत्ति संवर्धन और दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन के लिए कमर कसकर खड़े होने की जरूरत है। युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने कहा कि आज अपने अंदर की दुष्प्रवृत्तियों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। सुधीर भारद्वाज ने कहा कि अपने अंदर के श्रीराम को जगाएं। इस अवसर पर नरेंद्र ठाकुर, राजकुमार, वैष्णव, मोहन गौतम समेत सहित 500 से अधिक अंतेवासी कार्यकत्र्ता उपस्थित रहे।(जासं)


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