ट्रक ने हाईवे किनारे खंभें में मारी टक्कर, बिजली गुल
संवाद सूत्र, भगवानपुर: कस्बा भगवानपुर में दिल्ली-देहरादून राजमार्ग किनारे बिजली के पोल पर एक ट
संवाद सूत्र, भगवानपुर: कस्बा भगवानपुर में दिल्ली-देहरादून राजमार्ग किनारे बिजली के पोल पर एक ट्रक ने बुधवार देर रात टक्कर मार दी। जिससे एचटी व एलटी दोनों लाइनों के तार टूटकर जमीन पर गिर गये। इसकी वजह से 11 घंटे तक करीब 50 हजार आबादी की बिजली आपूर्ति ठप रही। गुरुवार दोपहर 12 बजे पूरे कस्बे में बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई।
भगवानपुर बिजलीघर से कस्बे में राजमार्ग किनारे से होते हुए बिजली की लाइन को बिछाई गई है। बुधवार रात को एक ट्रक ने न्यू मार्केट तिराहे पर एक खंभे को टक्कर मारकर तोड़ दिया। इसके अलावा एक अन्य लोहे के पोल को भी टक्कर मारकर तिरछा कर दिया। इसके कारण एलटी एवं एचटी लाइन के तार भी टूटकर जमीन पर आ गिरे। तारों में जबरदस्त स्पार्किंग हुई। हाईवे किनारे के घरों में रहने वाले लोग बाहर निकल आए। गनीमत रही कि उस समय कोई हादसा नहीं हुआ, ट्रक चालक भी ट्रक को लेकर भाग निकला। सूचना मिलने पर ऊर्जा निगम के कर्मचारी एवं पुलिस भी मौके पर पहुंच गई लेकिन टक्कर मारने वाले ट्रक का कोई पता नहीं चल पाया। रात्रि एक बजे से पूरे भगवानपुर कस्बे की बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होने के साथ ही कस्बे के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकांश परिवारों के इन्वर्टर आदि सुबह चार बजे तक जवाब दे गए। बिजली न होने की वजह से कस्बे में पानी की आपूर्ति तक नहीं हो पाई। लोगों की दिनचर्या सुबह से ही प्रभावित होना शुरू हो गई। पानी लेने के लिए हैंडपंप पर लंबी लाइन लगी रही। बार-बार निगम के कर्मचारियों से लाईन को दुरुस्त करने के लिए उपभोक्ता आग्रह करते रहे। एसडीओ सजल कुमार ने बताया कि 15 कर्मचारियों को लगाकर जैसे-तैसे कस्बे की बिजली आपूर्ति को बहाल कराया गया। दोपहर 12 बजे पूरे कस्बे की आपूर्ति सुचारू हो गई थी। ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इनसेट
प्रमाण पत्र मिलने में हुई दिक्कत
भगवानपुर: तहसील मुख्यालय पर भी बिजली ना होने की वजह से लोगों को परेशानी हुई। प्रमाण पत्र लेने के लिए यहां पर लंबी लाइन लगी हुई थी।बाद में जनरेटर चलाकर प्रमाण पत्रों को जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन जनरेटर से लो वोल्टेज आने से परेशानी हुई। इसके अलावा फोटोस्टेट आदि कराने के लिए आए लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।