मेला अस्पताल को सरकार की मेहरबानी का इंतजार
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: धर्मनगरी में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्थापित 100 बेड का राजकीय मेला
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: धर्मनगरी में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्थापित 100 बेड का राजकीय मेला अस्पताल डॉक्टरों की कमी से खुद ही बीमार है। आलम यह है कि चारधाम यात्रा के दौरान भी अस्पताल में न तो फिजिशियन है और न अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक। अब इस अस्पताल को सरकार की मेहरबानी का इंतजार है।
राजकीय मेला अस्पताल सौ बेड का है, लेकिन चिकित्सकों के न होने से यहां मरीजों को भर्ती करना तो दूर ओपीडी में भी मरीजों का हाल लेने वाला कोई नहीं है। अस्पताल में स्थाई चिकित्सक के रूप में रेडियोलाजिस्ट डॉ. राजेश गुप्ता प्रभारी अधीक्षक का भी दायित्व निभा रहे हैं। दूसरे वरिष्ठ पैथालाजिस्ट डॉ. एसएन खान जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी की भी ड्यूटी कर रहे हैं। हाल में एनएचएम की ओर से मानसिक रोग विशेषज्ञ राजीव कुमार तिवारी की तैनाती हुई है, जोकि ओपीडी तो कर रहे है, लेकिन ऐसे मरीजों की संख्या काफी सीमित होने से अन्य मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है। अस्पताल के वार्डो में ताले लगे हैं। ईएमओ न होने से एक साल से अधिक समय से इमरजेंसी सेवा बुरी तरह प्रभावित है। दिन की शिफ्ट को केवल फार्मासिस्टों के भरोसे संचालित किया जाता है। रात में ताला बंद रहता है। अल्ट्रासाउंड मशीन खराब
राजकीय मेला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन करीब साल भर से खराब पड़ी है। इस वजह से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। रेडियोलाजिस्ट डॉ. राजेश गुप्ता सीएमओ के आदेश से जिला अस्पताल में भी समय-समय पर अल्ट्रसाउंड का जिम्मा संभालते हैं।
डॉक्टरों के पदों की स्थिति
पदनाम स्वीकृत तैनाती
अधीक्षक एक रिक्त
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी एक राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में पीजी प्रशिक्षण पर
निश्चेतक एक पद
रिक्त
जीडीएमओ एक पद -संविदा पर कार्यरत
बालरोग विशेषज्ञ एक रिक्त
आर्थो सर्जन एक रिक्त
चर्मरोग विशेषज्ञ एक रिक्त
रेडियोलाजिस्ट एक कार्यरत
पैथोलाजिस्ट एक कार्यरत
फिजिशियन एक
रिक्त
कार्डियोलाजिस्ट एक रिक्त
ईएमओ तीन तीनों रिक्त
शल्यक एक
रिक्त डॉक्टरों की कमी से अस्पताल की सेवाएं प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से ओपीडी व इमरजेंसी दोनों में दिक्कत है। इसकी जानकारी हर महीने भेजी जाने वाली स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से शासन व निदेशालय को दी जाती है। फिर भी जो प्रबंध है, उनसे संचालन किया जा रहा है। -डॉ. राजेश गुप्ता, प्रभारी अधीक्षक मेला अस्पताल