डिजिटल स्मार्ट बोर्ड को ठीक न करना सेवा में कमी
जागरण संवाददाता रुड़की उपभोक्ता फोरम ने एक कंपनी ने स्कूल को दिए डिजिटल स्मार्ट बोर्ड क
जागरण संवाददाता, रुड़की: उपभोक्ता फोरम ने एक कंपनी ने स्कूल को दिए डिजिटल स्मार्ट बोर्ड को वारंटी अवधि में ठीक न करने को उपभोक्ता सेवा में कमी माना है। उपभोक्ता फोरम ने कंपनी की ओर से जारी डिमांड नोटिस को निरस्त कर दिया है। क्षतिपूर्ति के लिए कंपनी को पांच लाख नौ हजार रुपये देने का आदेश दिया है।
उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि सेंट मार्क्स एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रुड़की ने एजुस्मार्ट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड से कक्षाओं में 10 डिजिटल स्मार्ट बोर्ड लगवाने के लिए 31 दिसंबर 2012 को 42000 रुपये प्रति माह सेवा शुल्क के आधार पर अनुबंध किया था। इसमें लगाए डिजिटल स्मार्ट बोर्ड का मेंटनेंस किया जाना भी शामिल था। उपभोक्ता ने कंपनी को नियमित भुगतान किया। फिर भी कंपनी ने उपभोक्ता से 336000 रुपये की मांग की। इस राशि में से 84000 रुपये का भुगतान कंपनी को उपभोक्ता ने कर भी दिया लेकिन फिर भी कंपनी ने न तो अपनी गुणवत्ता में सुधार किया और न ही खराब डिजिटल स्मार्ट बोर्ड को ठीक किया। इससे छात्रों को परेशानी हुई। उपभोक्ता के बार-बार शिकायत करने पर भी कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की गई और गलत रूप से डिमांड नोटिस भेजने से आहत स्कूल प्रबंधक जावेद इकबाल ने 30 नवम्बर 2013 को उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम के अध्यक्ष कुंवरसेन और सदस्यगण अंजना चड्ढा, विपिन कुमार ने इसे उपभोक्ता सेवा में कमी माना है। फोरम ने कंपनी डिमांड नोटिस निरस्त कर दिया। साथ ही उपभोक्ता को हुई परेशानी और छात्रों की पढ़ाई में हुई बाधा के एवज में 504000 रुपये की क्षतिपूर्ति व वाद खर्च के रूप में पांच हजार रुपये का भुगतान एक माह के अंदर करने का आदेश कंपनी को सुनाया है।