भीमगोड़ा कुंड में गंगा की धारा लाने की मांग
भीमगोड़ा के पार्षद कैलाश भट्ट के नेतृत्व में क्षेत्रवासियों ने भीमगोड़ा कुंड में गंगा की धारा लाने और सौंदर्यीकरण की मांग को लेकर एचआरडीए (हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण) दफ्तर के बाहर धरना दिया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भीमगोड़ा के पार्षद कैलाश भट्ट के नेतृत्व में क्षेत्रवासियों ने भीमगोड़ा कुंड में गंगा की धारा लाने और सौंदर्यीकरण की मांग को लेकर एचआरडीए (हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण) दफ्तर के बाहर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर मेला प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो मेलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन भी करेंगे।
पार्षद कैलाश भट्ट ने कहा कि भीमगोड़ा कुंड सरकारी उपेक्षा का शिकार है। बीते कई वर्षों से क्षेत्रवासी भीमगोड़ा के सौंदर्यीकरण और भीमगोड़ा कुंड में पहले की तरह गंगा की धारा लाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पूर्व में भी एचआरडीए के बाहर धरना दिया गया था। कहा कि मेलाधिकारी की ओर से ब्रिटिशकालीन सुरंग का निरीक्षण किया गया था। सिचाई विभाग के अधिकारियों ने भी कई बार सर्वेक्षण किया। शासन की ओर से गैस पाइपलाइन की स्वीकृति दी गई। लेकिन, आज तक भीमगोड़ा में गंगा की धारा लाने और सौंदर्यीकरण को लेकर मेला प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। कांग्रेस सेवादल के प्रदेश प्रवक्ता बलराम गिरि और युवा नेता शिवम गिरि ने कहा कि भीमगोड़ा कुंड प्राचीन चारधाम यात्रा का पड़ाव था। पांडवों ने यहां विश्राम किया था। माता कुंती को जब प्यास लगी थी, भीम ने गौड़ा मारकर जल की उत्पत्ति की थी। भीमगोड़ा में भारत से ही नहीं, बल्कि नेपाल से भी तीर्थयात्री पूर्वजों के पिडदान और श्राद्धकर्म के लिए आते हैं। धरना देने वालों में राजीव भार्गव, सुनील, नितिन तेश्वर, कपिल शर्मा, सुंदरलाल, वीरेंद्र गिरी, ज्ञानदत्त शर्मा, सुदामा, करण राणा, वेदांत उपाध्याय, गोविद, निषाद, धर्मेंद्र भगत, नीरज पाल, चंद्रशेखर गोस्वामी आदि शामिल रहे।