शिक्षानगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 19वां राज्य स्थापना दिवस
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जागरण संवाददाता, रुड़की: उत्तराखंड राज्य का 19वां स्थापना दिवस शिक्षानगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समितियों की ओर से राज्य के निर्माण के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही उत्तराखंडी लोक गीतों के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अशोक नगर ढंडेरा में शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति की ओर से धूमधाम के साथ राज्य स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की आराधना, मंगल गीत, आरती और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि उत्तराखंड स्थापना दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए। कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां विकास की धारा बह रही है। उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयत्न करने का आह्वान किया। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष एवं रुड़की के प्रथम राज्य आंदोलनकारी हर्ष प्रकाश काला ने कहा कि आज उत्तराखंड व्यस्क हो गया है, लेकिन पीड़ा इस बात की है कि अपनी सरकार बनने के 18 साल बाद भी कई प्रश्न अभी भी ज्यों के त्यों खड़े हैं। क्योंकि राज्य बनने के बाद भी 24 वर्ष पूर्व एक-दो अक्टूबर 1994 में हुए रामपुर तिराहा कांड मुजफ्फरनगर, एक सितंबर 1994 को खटीमा कांड, दो ¨सबतर 1994 को हुए मसूरी कांड के दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिल सकी है। ऐसे में लगता है कि प्रदेश बनने का कोई लाभ नहीं हुआ है। कहा कि सत्ता से बाहर रहने पर राजनीतिक दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की बात करते हैं लेकिन सत्ता में आते ही भूल जाते हैं। कहा कि राज्य बनने के बाद प्रदेश की जनता को इसका कोई लाभ नहीं हुआ है। पलायन से गांव खाली हो रहे हैं, राज्य आंदोलनकारियों का अपमान किया जा रहा है और आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण निष्पक्ष नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में पुन: आंदोलन की आवश्यकता है जो शीघ्र ही किया जाएगा। इस मौके पर वयोवृद्ध आंदोलनकारी बहादुर ¨सह रावत, र¨वद्र पनियाला, प्रेम गोदियाल, कमला बमोला, जीवानंद बुडाकोटी, चक्रधर देवरानी, विजय पंवार, प्रवीन चौधरी, राकेश भट्ट, लक्ष्मी प्रसाद सती, चंद्र मोहन जोशी, टीआर शर्मा, संजय पंत, प्रकाश ध्यानी, चंद्रदत्त पाण्डे, राधाकृष्ण पुरोहित, दर्शनी पालीवाल, राकेश चौहान, गायत्री, नंदा ऐरी, वीरा नेगी आदि उपस्थित रहे।
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आंदोलनकारियों की उपेक्षा के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार
रुड़की: चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति की ओर से अशोक नगर स्थित सनराइज पब्लिक स्कूल में राज्य स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान 1.8 पौंड का केक काटा गया। साथ ही शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस मौके पर शहर की सबसे बुजुर्ग आंदोलनकारी 88 वर्षीय चंद्रमा देवी रावत, 86 वर्षीय राम ¨सह रावत और 83 वर्षीय जसमती देवी ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि शहीदों और मातृ शक्ति के बलिदान एवं त्याग से उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है। उन्होंने सरकार से शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की अपील की। साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस मौके पर समिति के जिलाध्यक्ष राजेंद्र ¨सह रावत, महामंत्री सतीश नेगी, नरेंद्र गुंसाई, महिला अध्यक्ष पार्वती रावत, आंदोलनकारी प्रकाश कांति, सुरेंद्र भंडारी, आनंद ¨सह रावत, सुरेंद्र पंवार, सुनील रावत आदि मौजूद रहे।
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राज्य आंदोलन के विषय में दी जानकारी
रुड़की: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा पश्चिमी मंडल की ओर से एसडीएम आवास के समीप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर गढ़वाल मंडल विस्तारक प्रमुख राकेश गिरी, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामवीर सैनी और अन्य वक्ताओं ने राज्य आंदोलन के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष अर¨वद गौतम, महामंत्री प्रवीन ¨सधु, कुंवर नागेश्वर, पंकज नंदा, राम गोपाल कंसल, ब्रिजेश त्यागी एडवोकेट, अजय सैनी, डा. संदीप खटाना आदि उपस्थित रहे।