दूसरी संस्कृति का करें सम्मान पर ना भूले अपने संस्कार
जागरण संवाददाता, रुड़की: जौनसार कर्मचारी महामिलन कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि दू
जागरण संवाददाता, रुड़की: जौनसार कर्मचारी महामिलन कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि दूसरी संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए, लेकिन अपनी संस्कृति के जो संस्कार हैं उनको नहीं भूलना चाहिए। जौनसार की पंरपराओं को आगे बढ़ाने का काम सभी को मिलकर करना होगा। इस मौके पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
रविवार को हरिद्वार रोड स्थित एक बैंक्वेट हाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तहसीलदार गोपाल ¨सह चौहान ने कहा कि समय के साथ-साथ बदलाव भी जरूरी है। बदलाव के चक्कर में कई बार अपनी संस्कृति को छोड़कर दूसरी संस्कृति को तव्वजों देना शुरू कर दिया जाता हैं और बच्चों तक को अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है। यह स्थिति बेहद गंभीर है। जौनसार की संस्कृति एक गौरवमयी संस्कृति है। सभी को इससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। भले ही नौकरी दूर-दूर रहकर करें, लेकिन जहां भी रहे अपनी संस्कृति को बढ़ाने और उसको उन्नत बनाने का काम करें। अध्यक्ष अमर ¨सह चौहान ने कहा कि देश ही नहीं वरन विदेशों में भी जौनसार की संस्कृति की पहचान है। इसलिए सभी को अपने गौरवमयी इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इस तरह के आयोजन समय-समय पर आयोजित करने चाहिए। बच्चों को संस्कृति के बारे में बताया जाए। अपनी पारंपरिक वेशभूषा पर भी ध्यान दिया जाए। सामूहिक भोजन को बढ़ावा दिया जाए। इसके उपरांत विभिन्न लोक गीत और लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर शुरवीर ¨सह तोमर, टीकाराम शर्मा, भीम ¨सह, पूरण ¨सह, अमर चौहान, शूरवीर चौहान, भीमदत्त, नरेश चंदेल, पूजा शर्मा, उíमला तोमर, विनय शर्मा आदि मौजूद रहे।