कोचिग सेटर व शॉपिग माल न बन जाए लाक्षागृह
जागरण संवाददाता रुड़की शहर के अधिकांश कोचिग सेंटर एवं शॉपिग माल कभी भी लाक्ष्यगृह ब
जागरण संवाददाता, रुड़की : शहर के अधिकांश कोचिग सेंटर एवं शॉपिग माल कभी भी लाक्षागृह बन सकते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि शहर में ढाई सौ से अधिक संचालित कोचिग सेंटर में एक के पास भी दमकल विभाग से एनओसी नहीं ली गई है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं शहर के शॉपिग माल में भी नियमों की अनदेखी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड को लेकर भी प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
गुजरात के सूरत में कोचिंग सेटर में हुए अग्निकांड में 20 छात्रों की मौत हुई। चौथी मंजिल पर हुए इस हादसे से पूरा देश हिल गया है। सूरत में हुए इस अग्निकांड को लेकर भी स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है। प्रशासन की गंभीरता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर की गलियों और विभिन्न कॉप्लेक्स में 250 से अधिक कोचिग सेंटर संचालित हैं। जिसमें से एक भी कोचिग सेटर के पास दमकल विभाग से एनओजी नहीं लगी गई है। कई कोचिग सेटर तो घर के अंदर एक ही कमरे में चल रहे है। एक ही कमरे में सौ से अधिक छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। कोचिंग सेटर में न तो अग्निशमन उपकरण लगाए गए है और न ही आग की घटना से बचने के लिए किसी तरह के इंतजाम है। ऐसे में कभी भी आग लगने पर कोचिग सेंटर लाक्षागृह बन सकते हैं। ऐसा ही कुछ हाल शहर के कई शॉपिग माल का भी है। कई शॉपिग माल भीड़भाड़ और संकरी गलियों में चल रहे है। शॉपिग माल मे भी मानकों की अनदेखी हो रही है। मानकों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है। एक भी कोचिंग संचालक को दमकल विभाग की तरफ से नोटिस नहीं दिया गया। कोचिग सेटर में होने चाहिए यह इंतजाम
-दमकल विभाग से होनी चाहिए एनओजी
-कोचिग सेंटर में अग्निशमन उपकरण
-कोचिग सेंटर में दो निकासी गेट
-बड़ी खिड़की होनी चाहिए
-आपातकालीन स्थिति से निपटने को आपातकाल गेट
-क्षमता के अनुसार क्लास रूम
-भीड़ भाड़ वाली जगह पर नहीं होने चाहिए कोचिग सेंटर -शहर के कोचिग सेटर संचालकों को कई बार विभाग से एनओसी लेने को कहा गया है लेकिन किसी ने एनओसी नहीं ली। सूरत में हुए हादसे को देखते हुए अब सभी कोचिग संचालकों को चिह्नित कर इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
अनिल त्यागी, फायर स्टेशन अधिकारी, रुड़की