Move to Jagran APP

पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में बोले सीएम धामी- आयुर्वेद के प्रयोग से पशुधन को भी रख सकते हैं रोगमुक्त

ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं वरन आदर्श जीवन जीने का तरीका भी है। इस मौके पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

By Anoop kumar singhEdited By: Shivam YadavPublished: Sun, 19 Mar 2023 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 09:20 PM (IST)
पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में बोले सीएम धामी- आयुर्वेद के प्रयोग से पशुधन को भी रख सकते हैं रोगमुक्त
संगोष्ठी का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, योगगुरु बाबा रामदेव, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज आदि। जागरण

हरिद्वार, जागरण संवाददाता: ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं वरन आदर्श जीवन जीने का तरीका भी है। यह मात्र बीमारियों का इलाज नहीं करता, बल्कि आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमार होने से रोक सकते हैं। कहा कि पशु ही नहीं, बल्कि मानव के लिए भी एंटीबायोटिक का अत्याधिक इस्तेमाल हानिकारक है। मानव संसाधन के साथ ही आयुर्वेद के प्रयोग से पशुधन को भी रोगमुक्त रख सकते हैं।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वैदिक काल से ही आयुर्वेद के जरिये पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान को लागू करने वाला प्रमुख देश रहा है। सर्वे संतु निरामया का संदेश देने वाला पंचम वेद अर्थात आयुर्वेद हमारी समृद्ध प्राचीन विरासत का अभिन्न अंग है। 

पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने पंचप्राण विकास रणनीति में देश के विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी इसी समृद्ध प्राचीन विरासत और पारंपरिक ज्ञान को सहेजने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पशुधन हमारे देश की बड़ी ताकत है, जिन्हें बचाना हमारा प्रमुख कर्त्तव्य है। पशुओं के रोग निवारण और रोग नियंत्रण के लिए प्रदेश में मौजूद हर्बल संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोराना काल में हम आयुर्वेद का महत्व अच्छी तरह समझ चुके हैं। 

वर्तमान में मनुष्यों से भी अधिक पशुओं में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करने पर चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति पशुओं के लिए ही नहीं वरन मानव के लिए भी अत्यंत हानिकारक है। आयुर्वेद को अपनाकर ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जड़ी-बूटियों का भंडार होने के कारण यहां आयुर्वेद का और भी अधिक महत्व है। प्रदेश सरकार 300 आयुष हेल्थ व वेलनेस केंद्रों के संचालन और 150 पंचकर्म केंद्रों की स्थापना के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। आयुर्वेद, होम्योपैथी व नेचुरोपैथी के विकास से रोजगार और आर्थिकी की मजबूती को भी सरकार प्रयासरत है।

बताया कि प्रदेश में राज्य पशुधन मिशन शुरू किया है, इसके तहत 60 करोड़ का निवेश किए जाने की योजना है। इससे सात हजार पशुपालकों को प्रत्यक्ष और दस हजार पशुपालकों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिला है। उत्तराखंड के गांवों में दुनिया की सबसे समृद्ध और सबसे कुशल पशु स्वास्थ्य परंपरा मौजूद है। यह ज्ञान पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। कहा कि हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का है और इस लक्ष्य की प्राप्ति को सभी का सहयोग अपेक्षित है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गंगा, गोमाता और पर्यटन पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की बात कही। कहा इससे विश्व पटल पर धर्मनगरी हरिद्वार की विशिष्ट पहचान बनेगी। इस मौके पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर केएन राघवेंद्र, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी, डाॅ. हेमेंद्र यादव, प्रेमचंद्र शास्त्री, हरिशंकर शर्मा, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल आदि उपस्थित रहे।

एक दिन एलोपैथ को धरती में गाड़ के रहेंगे: बाबा रामदेव

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद का जितना महत्व है, उतना ही गौ माता का भी है। आयुर्वेद से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। आयुर्वेद का भविष्य उज्ज्वल है। कहा कि गो माता के दूध में मेधा शक्ति बढ़ाने का सामर्थ्य है। 

आयुर्वेद को दूसरी पैथी से बेहतर बताते हुए कहा कि सामान्य बुखार से लेकर कोरोना का इलाज आयुर्वेद में बेहतर है। चुटकी लेते हुए कहा कि वह किसी पैथी का विरोध नहीं करते, बल्कि सभी के प्रति सिंपैथी रखते हैं। 

आयुर्वेद के विद्यार्थियों को काम पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते कहा कि समेकित प्रयास से एक दिन वह एलोपैथ को धरती में गाड़ के रहेंगे। योग, आयुर्वेद, स्वदेशी और सनातन का ऐसा झंडा गाड़ेंगे कि सारी दुनिया इसके नीचे आएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.