सुमन के हौसलों के आगे हारी दिव्यांगता
विश्व विकलांग दिवस पर विशेष: -स्वयं दिव्यांग होते हुए भी दूसरों के सरपट दौड़ने की राह प्र
विश्व विकलांग दिवस पर विशेष:
-स्वयं दिव्यांग होते हुए भी दूसरों के सरपट दौड़ने की राह प्रशस्त कर रही हैं शिक्षक सुमन अग्रवाल
-बचपन में पोलियो की चपेट में आ जाने के कारण दोनों पांवों से दिव्यांग है सुमन अग्रवाल
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दीपक मिश्रा, रुड़की
सुमन अग्रवाल बचपन से ही दोनों पैरों से चल नहीं पातीं, लेकिन हौसलों के आगे उनकी यह दिव्यांगता कहीं भी ठहर नहीं पाई। वह चलती भले ही बैसाखियों के सहारे हैं, लेकिन नौनिहालों को ज्ञान बांटकर भविष्य में उनके सरपट दौड़ने की राह प्रशस्त कर रही हैं।
रुड़की के सुभाष नगर निवासी सुमन अग्रवाल को बचपन में ही पोलियो ने अपनी चपेट में ले लिया था। इसके चलते वह दोनों पैरों से चल नही पातीं। लेकिन, इस दिव्यांगता को उन्होंने कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। सुमन बताती हैं कि चलने में असमर्थता के कारण वह स्कूल में कभी-कभी खुद को बेहद अकेला महसूस करती थीं। तब मां कमलेश और पिता डॉ. जयकुमार अग्रवाल ने उन्हें हिम्मत दी। छोटे भाई-बहन भी हमेशा उनके साथ ही खेलते थे, ताकि उन्हें अकेलापन न लगे। यही वजह है कि वह अपनी पढ़ाई जारी रख पाई और कक्षा में हमेशा अच्छे अंक हासिल किए।
बीएड करने के बाद वर्ष 2007 में सुमन को एक सरकारी स्कूल में नियुक्ति मिल गई। वर्तमान में वह राजकीय कन्या हाईस्कूल चंद्रपुरी में अंग्रेजी की शिक्षक हैं। कहती हैं, सरकारी स्कूल होने के बावजूद उनकी क्लास में पढ़ने वाली छात्राएं अंग्रेजी में किसी से कम नहीं हैं। इससे पहले वह राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में भी तैनात रहीं। वहां भी अंग्रेजी विषय में छात्राओं के बेहद अच्छे अंक आते थे। इसके लिए वर्ष 2009 में उन्हें उत्कृष्ट शिक्षक का अवार्ड भी मिल चुका है। शिक्षा के क्षेत्र में ही पिछले दिनों उन्हें एक पत्रिका की ओर से 'स्वयंसिद्ध' अवार्ड से भी नवाजा गया।
शिक्षक सुमन अग्रवाल कक्षा में छात्राओं से यही कहती हैं कि 'अपनी किसी मजबूरी को कमजोरी मत बनने दो, बल्कि उसे अपनी ताकत बनाओ।' सुमन ना के बराबर ही छुट्टी लेती हैं, जिससे उनकी सीएल तक लैप्स हो जाती हैं। राजकीय कन्या हाईस्कूल चंद्रपुरी के प्रधानाचार्य शैलेंद्र गौड़ ने बताया कि सुमन अग्रवाल बच्चों को अंग्रेजी विषय बेहद रोचक ढंग से पढ़ाती है। उनका बस एक ही ध्येय है कि उनके पढ़ाए बच्चे जीवन में सफलता के सोपान पर पहुंचें।