फ्लैट के नाम पर गाजियाबाद के व्यक्ति से लाखों की ठगी
गाजियाबाद के व्यक्ति को फ्लैट बेचने के नाम पर लाखों की ठगी करने के मामले में पुलिस ने निर्माण एजेंसी के तीन अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: गाजियाबाद के व्यक्ति को फ्लैट बेचने के नाम पर लाखों की ठगी करने के मामले में पुलिस ने निर्माण एजेंसी के तीन अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस के मुताबिक विक्रांत सिंह निवासी ए-10 डिवाइन पार्क, व्यू अपार्टमेंट, अभयखंड 3, इंदिरापुरम, गाजियाबाद उप्र ने वर्ष 2014 में एक समाचार पत्र में ईशान इंफ्रोस्टेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जी-56 पुष्कर एनक्लेव पश्चिमी विहार नई दिल्ली कार्यालय का एक विज्ञापन देखा था। इस कंपनी का कारपोरेट कार्यालय उत्तर प्रदेश के वसुंधरा गाजियाबाद में भी है। विज्ञापन में बताया गया था कि हरिद्वार रोड पर आकर्षक फ्लैट की बुकिग की जा रही है। जिसमें सभी तरह की सुविधा दी जाएगी। विज्ञापन देखने के बाद विक्रांत सिंह ने रुड़की स्थित साइट पर बने कार्यालय में जाकर आठ लाख रुपये देकर फ्लैट की बुकिग कराई थी। साथ ही, इस कंपनी के सहयोगी बैंक से 41 लाख का लोन कराया था। आरोप है कि कंपनी के अधिकारियों ने बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर कूटरचना से फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसके फ्लैट को बदल दिया। इकरानामे में बताया गया था कि तीन साल में उन्हें फ्लैट उपलब्ध कराया जाएगा। बैंक ने भी इनके पक्ष में लोन की रकम जारी कर दी। शर्तो के मुताबिक फ्लैट पर कब्जा मिलने के बाद उन्हे किस्त जमा करानी थी, लेकिन उन्हें पहले ही किस्त जमा करने के लिए बैंक का नोटिस आ गया। जब उन्होंने बैंक में जाकर छानबीन की तो बैंक अधिकारियों ने उन्हें दस्तावेज दिखाए, इसमें लिखा था कि कब्जे से पहले उन्हें किस्त जमा करानी होगी। पीड़ित के मुताबिक उन्हें फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी की गई। पीड़ित ने इस बावत एसपी देहात से शिकायत की थी। जिसकी जांच सीओ चंदन सिंह बिष्ट ने की। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश साह ने बताया कि एसपी देहात के निर्देश पर पुलिस ने इस मामले में निर्माण कंपनी के अधिकारी चंदन श्रीवास्तव, राजन श्रीवास्तव और रजनी श्रीवास्तव पर मुकदमा दर्ज किया है।