भगवा और पीले रंग में नजर आएगी अखाड़े की छावनी
हरिद्वार कुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान करने को अखाड़ों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी के तहत श्रीपंचायती अखाड़ा की छावनी में सभी टेंट और पंडाल भगवा और पीले रंग में नजर आएंगे।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरिद्वार कुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान करने को अखाड़ों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी के तहत श्रीपंचायती अखाड़ा की छावनी में सभी टेंट और पंडाल भगवा और पीले रंग में नजर आएंगे। निरंजनी अखाड़े की छावनी शहर के बीचों-बीच स्थित एसएमजेएन (श्रवणनाथ मठ जवाहर लाल नेहरू स्नाकोत्तर महाविद्यालय) के मैदान में लगेगी। परंपरा अनुसार कुंभ के समय अखाड़े के श्रीमहंत और उप महंत तंबुओं में ही रहते हैं। इस बार अखाड़ा छावनी को एक सा रूप देने को छावनी के सभी टेंट-तंबु को एक रंग और साइज का बनवा कर लगा रहे हैं। निरंजनी अखाड़ा की छावनी में आनंद अखाड़ा भी रहता है। आनंद अखाड़ा अपनी पेशवाई भी श्रीनिरंजनी के साथ ही निकालता है।
एसएमजेएन पीजी कॉलेज के मैदान में बनाई जा रही छावनी का पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी और आनंद अखाड़ा के संतों ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने कहा कि छावनी में बने सभी टेंट (तंबू) पीले और भगवा रंग में नजर आएंगे। उन्होंने मेला प्रशासन से छावनी में ठहरने वाले सभी संतों के साथ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों की एक टीम यहां तैनात करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्य मेले में हर जगह से साधु-संतों का आगमन होना है। उन्होंने बताया कि हमारे अखाड़े की प्राचीन से परंपरा चली आ रही है कि कुंभ मेले के दौरान श्रीमहंत और उप महंत कुंभ में पक्के मकानों में नहीं ठहरते हैं। छावनी में बने तंबू में ही रुकते हैं, इसलिए छावनी बनाई जाती है।
श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने बताया कि एक अखाड़े की पहले 52 अणियां होती थी, जो विलुप्त होते हुए अब केवल 18 ही बची हैं। अखाड़े के लाखों नागा संन्यासी होते हैं, जिनका अणि नेतृत्व करते हैं। श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज सनातन संस्कृति का भव्य संगम कुंभ पर्व में देखने को मिलेगा। हमारी सनातन संस्कृति देश दुनिया को प्रभावित कर रही है। श्रीमहंत मनीष भारती, श्रीमहंत नरेश गिरी, श्री महंत राधे गिरी, कारोबारी बलबीर पुरी, गंगा गिरि, निलकंठ गिरी, राजगिरी, आनंद गिरि, राजेंद्र भारती, राकेश गिरी, आनंद अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती आदि उपस्थित रहे।