सात साल से रोडवेज बस अड्डे का हो रहा इंतजार
संवाद सूत्र भगवानपुर घोषणा के सात साल बाद भी भगवानपुर में बस अड्डे का निर्माण नहीं हो प
संवाद सूत्र, भगवानपुर: घोषणा के सात साल बाद भी भगवानपुर में बस अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया है। इससे भगवानपुर के लोग आज भी लंबी दूरी की बसों को पकड़ने के लिए रुड़की की दौड़ लगानी पड़ रही है।
भगवानपुर क्षेत्र के लोगों को लंबी दूरी की बसों को पकड़ने के लिए रुड़की आना पड़ता है। लंबे समय से मांग उठ रही थी कि भगवानपुर में बस अड्डा बनाया जाए जहां पर लंबी दूरी की बसों का संचालन किया जाए। वर्ष 2012 में प्रदेश सरकार ने बस अड्डे के निर्माण की घोषणा कर दी। इसके बाद भी बस अड्डा नहीं बन पाया। तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के हटने के बाद तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने बस अड्डे का निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। इसी बीच फरवरी 2015 में तत्कालीन परिवहन मंत्री सुरेन्द्र राकेश का निधन हो गया। कई माह तक इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 2016 में कैबिनेट मंत्री की पत्नी एवं मौजूदा विधायक ममता राकेश ने सरकार पर बस अड्डे के लिए दबाव बनाया तो काम शुरू हो गया। जमीन के समतलीकरण के लिए 16 लाख का बजट जारी किया गया। बस अड्डे का शिलान्यास कर दिया गया, इसके बाद से किसी ने इसकी सुध नहीं लगी है। शिलान्यास के पत्थर में भी अब दरार पड़ना शुरू हो गई है।
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चेकपोस्ट भी हो गई बंद
भगवानपुर में वर्ष 2012 में परिवहन निगम की ओर से चेकपोस्ट स्थापित की गई थी। इस चेकपोस्ट पर बसों की चेकिग की जाती थी। इतना ही नहीं लंबी दूरी की बसें रुकने से लोगों को लाभ मिलना शुरू हो गया था लेकिन पिछले साल से भगवानपुर की चेकपोस्ट को भी बंद कर दिया है।