भाजपा नेता ने ठेकेदार को घसीटा, कपड़े भी फाड़े; पिस्टल तान दी जान से मारने की धमकी
हरिद्वार जिले के रुड़की में एक भाजपा नेता ने शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के दफ्तर में जमकर गुंडागर्दी की।
रुड़की, जेएनएन। सत्ता के नशे में चूर एक एक भाजपा नेता ने शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के दफ्तर में जमकर गुंडागर्दी की। आरोप है कि भाजपा नेता एक ठेकेदार को टेंडर प्रक्रिया से बाहर करने के लिए उसे घसीटते हुए काफी दूर तक ले गया और पिस्टल को हवा में लहराते हुए उसे गोली मारने की धमकी दी। डर के मारे दूसरे ठेकेदार इधर-उधर दुबक गए। भाजपा नेता ने ठेकेदार के कपड़े फाड़ डाले। इसके बाद कुछ ठेकेदारों ने शोर मचाया, पुलिस को सूचना दी तो भाजपा नेता जान से मारने की धमकी देते हुए अपने समर्थकों के साथ यहां से निकल गया। जबकि लोनिवि के कर्मचारियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। बाद में कार्रवाई की मांग को लेकर ठेकेदारों ने कोतवाली में हंगामा किया। पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस भी सत्ता पक्ष का मामला होने के चलते फिलहाल जांच की बात कह रही है।
दरअसल, लोक निर्माण विभाग के खंजरपुर रोड स्थित कार्यालय में शुक्रवार को जिला योजना के तहत टेंडर की प्रक्रिया चल रही थी। करीब 60-70 ठेकेदार और उनके समर्थक यहां पर मौजूद थे। इसी बीच एक भाजपा नेता समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचा। उसने भगवानपुर थाना क्षेत्र के छांगामजरी गांव निवासी कृष्णपाल को भीड़ से अलग होने को कहा। इसके बाद उसने ठेकेदार को अलग बुलाया, जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए घसीटते हुए दूर ले गया और पिस्टल निकाल ली।
ठेकेदार कृष्णपाल के कपड़े फाड़ डाले और जान से मारने की धमकी दी। भाजपा नेता के तेवर देख अन्य ठेकेदार भी दुबक गए। यहां तक की लोनिवि के कर्मचारियों ने दफ्तर बंद कर लिए। इसके बाद भाजपा नेता जान से मारने की धमकी देकर चला गया। इसके बाद ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह, तीरथपाल, संदीप, मुर्सरत आदि ठेकेदार कृष्णपाल को लेकर कोतवाली पहुंचे।
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कोतवाली में पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की तो ठेकेदारों ने हंगामा किया। इसके बाद पुलिस को तहरीर दी। मामला भाजपा नेता से जुड़ा होने की वजह से पुलिस भी जांच की बात कह रही है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अरमजीत सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। वहीं, लोनिवि के अधिशासी अभियंता सत्यवीर त्यागी ने बताया कि दोपहर तक तो दफ्तर में कुछ नहीं था। दोपहर डेढ़ बजे खाना खाने के लिए दफ्तर से आवास पर जाने के बाद गाड़ी के चालक ने मुझे जानकारी दी कि परिसर में कुछ विवाद हो गया है। जब कार्यालय पहुंचा तो यहां पर कोई नहीं था।