कोरोना वैक्सीन के रूप में बड़ी क्रांति: त्रिवेंद्र
मकर संक्रांति पर पतंजलि योगपीठ में चतुर्वेद परायण यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सपरिवार हिस्सा लिया और आहुतियां दी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मकर संक्रांति पर पतंजलि योगपीठ में चतुर्वेद परायण यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सपरिवार हिस्सा लिया और आहुतियां दी। इस अवसर पर योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हम ऋषियों की संतान हैं। स्वभाव से ही हमारे जीवन में दिव्यता और देवत्व है। कहा कि वेद की ऋचाओं और मंत्रोच्चारण के साथ कुंभ का पहला आयोजन पतंजलि योगपीठ से हुआ है। कहा कि मकर संक्रांति के पावन अवसर पर ट्रस्टी पद्मसेन आर्य ने चतुर्वेद परायण यज्ञ कराने की इच्छा प्रकट की थी, जिसका अनुपालन करते हुए इस अनुष्ठान का आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत कोरोना वैक्सीन के रूप में एक बड़ी क्रांति पूरे विश्व में ला रहा है। आज हम आत्मनिर्भर भारत तथा वोकल फोर लोकल की बात करते हैं। यह वही भारत है, जिसके लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था कि वेद भारत के लिए और भारत भारतीयों के लिए। उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने वाले भारत का आह्वान किया था। आज भारत विज्ञान, तकनीक, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर खड़ा हो रहा है। देश की चार कंपनियां कोविड की सबसे सस्ती वैक्सीन बना रही हैं। विश्व के 12 देशों ने लिखित तौर पर भारत से वैक्सीन की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन तो अब काम करेगी लेकिन अब तक जिस महाऔषधि ने जीवन की रक्षा की वह है योग और प्राणायाम, जो भारत के ऋषियों की देन है। भविष्य में डब्ल्यूएचओ को इसका मूल्यांकन करना होगा। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती का वक्तव्य था कि वेदों की ओर लौटो। पतंजलि सदैव इसी संकल्पना को चरितार्थ करने के लिए प्रयासरत है। इस अवसर पर स्वामी विजय कौशल महाराज ने कहा कि पतंजलि आकर ऐसा प्रतीत होता है कि आर्य समाज दोबारा जीवित हो उठा। अब से पहले ऐसा लगता था कि आर्य समाज के मात्र भवन और हवन ही शेष बचे हैं। कार्यक्रम में वेदों की शिक्षाएं पुस्तक का विमोचन किया गया। इससे पूर्व प्राचीन और आधुनिक शिक्षा के अभिनव प्रयोग आचार्यकुलम में वैदिक रीति से 238 विद्यार्थियों का उपनयन और वेदारंभ संस्कार संपन्न हुआ। योग भवन में 24 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया गया। कक्षा 5वीं के 87 बालकों व 42 बालिकाओं सहित विविध कक्षाओं के नव प्रवेश प्राप्त कुल 238 विद्यार्थियों का उपनयन व वेदारंभ संस्कार वैदिक रीति से संपन्न हुआ।