बाबा रामदेव बोले, कृषि कानून रद करना समस्या का समाधान नहीं; कोरोना वैक्सीन को लेकर कही ये बात
Youg guru Baba Ramdev योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि कृषि कानून को रद करना किसानों की समस्या का समाधान नहीं है। बल्कि इस मसले पर सरकार और किसानों को मिलकर बीच का कोई रास्ता निकालना चाहिए।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि कृषि कानून को रद करना किसानों की समस्या का समाधान नहीं है। इस मसले पर सरकार और किसानों को मिलकर बीच का कोई रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि किसानों के आंदोलन की आड़ लेकर कुछ शरारती तत्व अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं। इनसे बचना होगा।
पतंजलि योगी पीठ के स्थापना दिवस समारोह में मंगलवार को बाबा रामदेव किसानों के आंदोलन संबंधी सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वह जन्म से कृषक पुत्र हैं। कर्म और स्वभाव से कृषि और ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। कृषि कानून रद करना समस्या का समाधान नहीं है। अन्नदाता किसान तथा सरकार के बीच कोई सहमति बननी चाहिए। कहा कि, किसानों के आंदोलन की आड़ लेकर कुछ शरारती तत्व अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं। इनसे बचना होगा।
कोरोना वैक्सीन को लेकर योगगुरु ने कहा कि यह वैक्सीन न किसी पंथ की है और न किसी राजनीतिक पार्टी की। वैक्सीन एक वैज्ञानिक शोध है, हमें अपने वैज्ञानिकों को धन्यवाद करना चाहिए। जिनकी इम्यूनिटी पॉवर कम है, ब्लड प्रेशर या हृदय रोगी हैं या फिर जिन्होंने अंग प्रत्यारोपण कराए हैं, उन्हें वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए। मेरी तरह जो स्वस्थ हैं, उनको प्रतीक्षा करनी चाहिए। वैक्सीन के लिए आपाधापी न करें। आत्मनिर्भर भारत की ओर भी हमें प्रतिबद्ध होना चाहिए। हम उस दिशा में आगे बढ़ें कि भारत पूरी दुनिया को वैक्सीन उपलब्ध करा सके। ऐसे मसलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
अब होगा शिक्षा क्रांति का नया शंखनाद
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी की क्रांति के बाद भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से अब शिक्षा क्रांति का नया शंखनाद करेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, आचार्यकुलम, वैदिक गुरुकुलम, वैदिक कन्या गुरुकुलम तथा पतंजलि गुरुकुलम आध्यात्मिक भारत की नींव रख रहे हैं। अब इस विदेशी शिक्षा, चिकित्सा, अपसंस्कृति तथा विदेशी उपनिवेशवाद से भारत को मुक्ति दिलाकर आर्थिक और सांस्कृतिक गुलामी से भारत को आजादी दिलाने की दिशा में और प्रखरता के साथ हम आगे बढ़ेंगे।
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