शिव की पूजा से पूर्ण होती है मनोरथ, जानिए राशि अनुसार क्या चढ़ाएं
श्रावण और फाल्गुन दोनों महीने भगवान शिव शंकर की पूजा-अर्चना के नाम होते हैं। दोनों महीनों की महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में जलाभिषेक किया जाता है।
By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 07:17 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 07:19 PM (IST)
v>हरिद्वार, [जेएनएन]: देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना से सकल मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। यह ऐसा पर्व है कि इस दिन शिव की पूजा-करने से ग्रह दोष भी खत्म हो जाते हैं। महाशिवरात्रि चाहें श्रावण मास की हो या फिर फाल्गुन की। दोनों का सार एक ही है, भोलेनाथ की उपासना और आराधना करने का।
श्रावण और फाल्गुन दोनों महीने भगवान शिव शंकर की पूजा-अर्चना के नाम होते हैं। दोनों महीनों की महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में जलाभिषेक किया जाता है। अब फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि मंगलवार को है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस पर्व पर शिव की पूजा-अर्चना करने से ग्रहों का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है।
इसके लिए शास्त्रों पर पूजन की शास्त्रीय विधि भी सुझाई गई है। ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शास्त्री बताते हैं कि महाशिवरात्रि का व्रत और पूजन सर्वश्रेष्ठ है। बताया कि अलग-अलग राशि के जातक अलग-अलग विधियों से पूजा करें तो सभी प्रकार के ग्रहों का प्रभाव मिट जाता है।
राशि अनुसार क्या चढ़ाएं
मेष: पंचामृत और फूल भगवान आशुतोष को अर्पित करें।
वृष: दुग्ध और सफेद पुष्प चढ़ाएं।
मिथुन: शहद के साथ बेलपत्री चढ़ाएं
कर्क: दुग्ध में काले तिल व शहद डालकर चढ़ाएं।
सिंह: लाल रंग के पुष्प व दूध अर्पित करें।
कन्या: पीले-लाल रंग के पुष्प व जल चढ़ाएं।
तुला: दूग्ध में काले तिल व शक्कर डालकर अर्पित करें।
वृश्चिक: दुग्ध के साथ चंदन, तुलसी व बेलपत्र भी चढ़ाएं।
धनु: सरसों के पुष्प व जल अर्पित करें।
मकर: दुग्ध में लाल रंग के पुष्प व शहद डालकर अर्पित करें।
कुंभ: गुड़ और काले तिल मिलाकर जल चढ़ाएं।
मीन: पंचामृत, बेलपत्र व पुष्प अर्पित करें।
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