जीएसटी का पुनर्मूल्यांकन किया जाए
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने जीएसटी का नया संस्करण जाने पर जोर दिया जो कर चोरी रोकने में सक्षम हो और व्यापारी वर्ग अपने दायित्व के निर्वहन के लिए प्रोत्साहित हो।
जागरण संवाददाता, रुड़की: प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने जीएसटी का नया संस्करण जाने पर जोर दिया, जो कर चोरी रोकने में सक्षम हो और व्यापारी वर्ग अपने दायित्व के निर्वहन के लिए प्रोत्साहित हो।
सोमवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को सौंपा। ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि छोटे व्यापारियों के लिए वर्तमान जीएसटी प्रणाली बड़ी परेशानी बन चुकी है। इसका अनुपालन इतना पेचीदा है कि व्यापारी अपना आत्मविश्वास खो बैठा है और एक अनजाने डर के चलते कुछ न कुछ गलती कर बैठता है। व्यापारियों ने कहा कि सरल कानून से कर अनुपालन एवं कर संग्रह सदैव ज्यादा होता है। सरकार ने भी करदाताओं की कठिनाई को संज्ञान में लेते हुए विगत 42 माह में वर्तमान जीएसटी में एक हजार के लगभग बदलाव किए हैं, लेकिन कर चोरी एवं फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं। वहीं इस फर्जीकरण के चलते ईमानदार व्यापारी दंडित हो रहे हैं। क्योंकि व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट तब तक नहीं मिलता है, जब तक विक्रेता व्यापारी अपना विवरण दाखिल न कर दे। व्यापारियों ने कहा कि कंपनीज एक्ट में छोटी कंपनियों के लिए बड़ी कंपनियों के मुकाबले कम एवं सरल अनुपालन है। इसके ठीक विपरीत जीएसटी में संसाधन से सुसज्जित बड़े उद्योगपतियों एवं संसाधन रहित छोटे व्यापारियों को एक समान अनुपालन करना पड़ता है, जबकि दोनों की क्षमता एवं इंफ्रास्ट्रक्चर भिन्न-भिन्न है। इसलिए जरूरी है कि विगत 42 माह के अनुभव के आधार पर जीएसटी के सभी कानूनों का पुनर्मूल्यांकन कर संरचनात्मक परिवर्तन कर जीएसटी का नया संस्करण लाया जाए। कहा कि राष्ट्र के सबसे अग्रणी व्यापारिक संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल ने एक ऐसा प्रेजेंटेशन तैयार किया गया है, जिससे कर चोरी पर रोकथाम लगेगी। सरकार को अधिकतम राजस्व प्राप्त होगा तथा छोटे व्यापारियों को जीएसटी के अनुपालन में भी कोई कठिनाई नहीं होगी। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड भी इसका समर्थन करता है। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता, प्रदेश महामंत्री नवीन गुलाटी, प्रदेश संगठन मंत्री नितिन शर्मा, संयोजक रामगोपाल कंसल, चौधरी धीर सिंह, दीपक अरोड़ा, कविश मित्तल, आदर्श कपानिया, भरत कपूर, अंकित कालरा, प्रदीप अग्रवाल, सार्थक छाबड़ा आदि शामिल थे।