आउटर के वार्डों को है विकास की सबसे ज्यादा दरकार
रुड़की नगर निगम बोर्ड की बैठक में आउटर के वार्डों को लेकर बजट की स्थिति स्पष्ट नहीं है। जबकि इन क्षेत्रों में विकास की सबसे अधिक दरकार है। यहां जलभराव से लेकर टूटी सड़कों से लोग परेशान हैं। यहां तक कि इन क्षेत्रों में सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: रुड़की नगर निगम बोर्ड की बैठक में आउटर के वार्डों को लेकर बजट की स्थिति स्पष्ट नहीं है। जबकि, इन क्षेत्रों में विकास की सबसे अधिक दरकार है। यहां जलभराव से लेकर टूटी सड़कों से लोग परेशान हैं। यहां तक कि इन क्षेत्रों में सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
रुड़की नगर निगम का विस्तार किया गया है। 20 वार्डों से रुड़की निगम में अब 40 वार्ड हो गए हैं। दिल्ली रोड स्थित पांच वार्ड तो तेजी से विकसित हो रहे हैं। शहर के साउथ सिविल लाइंस क्षेत्र में आधा शहर बस गया है। अभी तक इस क्षेत्र में ग्राम पंचायतें ही काम करती थी। ग्राम पंचायतों के पास बजट का अभाव रहता है, लेकिन अब यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल हो गया है। महापौर गौरव गोयल खुद आउटर की कॉलोनियों के विकास की बात कह रहे हैं। लेकिन, आउटर की कॉलोनियों के विकास को बजट का अभाव बोर्ड बैठक में दिखा। साउथ सिविल लाइंस के पार्षद विवेक चौधरी की माने तो रुड़की शहर का विकास पहले से ही हो चुका है। ऐसे में बाहरी वार्डों में विकास की सबसे अधिक दरकार है। साउथ सिविल लाइंस क्षेत्र में सड़क नहीं है, नालियां टूटी हैं। पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैं। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए यहां बजट की सबसे अधिक आवश्यकता है। बोर्ड बैठक में 51 करोड़ का जो अवशेष बजट दिखाया गया है, उसमें यह नहीं बताया गया है कि इस बजट में पूर्व में कितने काम चल रहे हैं।
निर्माण एजेंसियों से बने समन्वय
एडीबी की ओर से सिविल लाइंस में सीवर लाइन बिछाने का काम किया जाना है। अभी तक शहर में यह होता आया है कि पहले नगर निगम कोई काम करती है। इसके बाद लोक निर्माण विभाग, बाद में एडीबी या दूसरी एजेंसी सड़क को तोड़ देती है। पार्षद विवेक चौधरी ने बताया कि नगर निगम को समन्वय बनाकर काम करना होगा ताकि बजट की बर्बादी न हो। बजट का सही इस्तेमाल किया जा सके।