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महापौर ने झबरेड़ा विधायक से छीना माइक, जमकर हुई नोकझोंक

गर निगम बोर्ड की पहली बैठक हंगामेदार रही। विधायक महापौर और पार्षद के बीच कई बार नोकझोंक हुई। झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल पूरी बैठक में पार्षदों के निशाने पर रहे। विधायक देशराज की बातों से महापौर भड़क गए और विधायक से भरे सदन में माइक छीन लिया। साथ ही कह दिया कि बोर्ड बैठक में यदि बाधा डालने का प्रयास किया गया तो उन्हें सभाकक्ष से बाहर कर दिया जाएगा। यह देख पार्षद भी महापौर के समर्थन में आ गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 08:08 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 08:08 PM (IST)
महापौर ने झबरेड़ा विधायक से छीना माइक, जमकर हुई नोकझोंक

संवाद सहयोगी, रुड़की: नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक हंगामेदार रही। विधायक, महापौर और पार्षद के बीच कई बार नोकझोंक हुई। झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल पूरी बैठक में पार्षदों के निशाने पर रहे। विधायक देशराज की बातों से महापौर भड़क गए और विधायक से भरे सदन में माइक छीन लिया। साथ ही कह दिया कि बोर्ड बैठक में यदि बाधा डालने का प्रयास किया गया तो उन्हें सभाकक्ष से बाहर कर दिया जाएगा। यह देख पार्षद भी महापौर के समर्थन में आ गए। उन्होंने झबरेड़ा विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।

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नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक को लेकर पार्षदों में खासा उत्साह नजर आया। बोर्ड बैठक के लिए पूरा सदन खचाखच भरा था। महापौर गौरव गोयल की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक में शहर विधायक प्रदीप बत्रा, कलियर विधायक फुरकान अहमद और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के साथ सभी 40 पार्षद मौजूद रहे। बैठक की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट ने प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया। एक प्रस्ताव में विकास कार्यों पर महापौर और वार्ड पार्षद के नाम का बोर्ड लगाने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर विधायक देशराज कर्णवाल ने विरोध जताया। इस पर महापौर और पार्षद आक्रोशित हो गए। इसके बाद महापौर और झबरेड़ा विधायक के बीच तीखी झड़प होने लगी। मामला इतना तूल पकड़ गया कि महापौर ने विधायक के हाथ से माइक छिन लिया। महापौर ने कहा कि उनकी बोर्ड बैठक में उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है। महापौर ने आरोप लगाया कि शिवपुरम में नगर निगम की बनाई गई सड़कों पर विधायक देशराज कर्णवाल ने अपने नाम के बोर्ड लगा लिए हैं। आशंका जताई कि हो सकता है कि इन सड़कों का डबल भुगतान भी हुआ हो। इसकी जांच कराने को लेकर उन्होंने एक जांच समिति गठित करने की बात कह दी। इसके अलावा भी कई बार बैठक में हंगामा हुआ। ज्यादातर मामलों में विधायक देशराज कर्णवाल ही निशाने पर रहे। बैठक शुरू होते ही उनकी पार्षद बेबी खन्ना से तीखी नोकझोंक हो गई। विधायक का कहना था कि उनके क्षेत्र में भी निगम के बजट से विकास कार्य कराए जाएं। पार्षद ने इसका विरोध किया और कहा कि वह अपनी विधायक निधि से कार्य कराएं। पार्षद धीराज ने भी झबरेड़ा विधायक पर साढ़े तीन साल में एक नाला तक नहीं बनवाने का आरोप लगाया। यहां तक कि झबरेड़ा विधायक के साथ कई बार शहर विधायक प्रदीप बत्रा की भी नोकझोंक हुई। नगर निगम की बैठक में हर प्रस्ताव पर हो रहे विरोध और हंगामे से एकबारगी तो महापौर बेहद तनाव में दिखे। उन्होंने कहा कि इस तरह से बैठक नहीं हो पाएगी। कोई प्रस्ताव सुनने तक को तैयार नहीं है। इसलिए बैठक को रद कर दो।

बोर्ड बैठक में 99 करोड़ के बजट के साथ 62 प्रस्ताव पास

- करीब 10 प्रस्तावों के लिए बनाई गई समिति

संवाद सहयोगी, रुड़की: नगर निगम की बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से 99 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ। साथ ही 67 प्रस्तावों में से 62 प्रस्तावों को बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। हालांकि पांच प्रस्तावों पर सहमति नहीं बन पाई। इसके चलते उन्हें रद कर दिया गया। वहीं कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए करीब 10 प्रस्तावों पर महापौर की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है।

रुड़की नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में हंगामे के बीच प्रस्ताव भी पेश होते रहे। कई प्रस्तावों में विरोधाभास देखते हुए उनमें बोर्ड की सहमति से संशोधन किया गया। कुछ प्रस्तावों में समिति बनाई गई। महापौर लगातार शांति से प्रस्ताव सुनने और उस पर चर्चा करने की अपील करते रहे। प्रस्ताव-4 पर पार्षद विवेक चौधरी ने आपत्ति जताई। सुबह 11 बजे से शुरू हुई बोर्ड बैठक बिना किसी ब्रेक के शाम सवा चार बजे तक चली। बैठक की अध्यक्षता महापौर गौरव गोयल ने की। नगर आयुक्त नूपुर वर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रांत सिरोही, पार्षदों में हेमा देवी, नीतू शर्मा, अंकित चौधरी, मीनाक्षी तोमर, साक्षी चौधरी, गीता, राजेश, विनीता रावत, शिवानी, अंजू देवी, राजेश्वरी देवी, देवकी जोशी, पूनम देवी, दया शर्मा, राखी शर्मा, रविंद्र खन्ना, मोहम्मद मोहसिन, सुधीर, मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।

जलभराव से मुक्ति देगी कंटूर मैपिग

शहर को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए कंटूर मैपिग कराई जाएगी। इसके जरिये नाले और नालियों का ढाल किस ओर किया जाए, यह पता चल सकेगा। इस प्रस्ताव पर सबने सहमति दी। साथ ही जल्द से जल्द इसे शुरू कराने के लिए कहा।

तहबाजारी बंद करने की मांग

एक प्रस्ताव में कहा गया कि निगम के जो कर्मचारी तहबाजारी करते हैं, उनका वेतन डेढ़ से दो लाख प्रतिमाह है। जबकि, वसूली बेहद कम है। इससे निगम को नुकसान हो रहा है। इससे अच्छा है कि तहबाजारी बंद कर दी जाए। सहायक नगर आयुक्त ने कहा कि निगम की आय जरूरी है, इसलिये तहबाजारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि टाउन वेंडिग कमेटी बन जाने पर उनसे लाइसेंस शुल्क आएगा। तहबाजारी स्वयं ही बंद हो जाएगी। इसके चलते यह प्रस्ताव रद कर दिया गया।

महिला पार्षद ने करा दिया चुप

नगर निगम की बोर्ड बैठक में एक-दो पार्षद ही हर प्रस्ताव पर बोल रहे थे। बैठक में लगातार हंगामा हो रहा था। इस पर पार्षद स्वाति चौधरी ने माइक ले लिया और कहा कि बोर्ड में और भी पार्षद हैं। उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाए। कहा कि सभी शिक्षित और चुने हुए प्रतिनिधि हैं। इसलिए बैठक में शोर मचाकर सदन को बदनाम न करें। महापौर ने उनकी इस बात पर तालियां बजा दी। हालांकि दो-तीन महिला पार्षदों के अलावा अन्य महिला पार्षद पूरी बैठक में चुप ही रही।

ब्लैंक गृहकर बिल की जांच के आदेश

पार्षद नीतिन त्यागी ने कर अनुभाग में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पर्चियां छपवाकर गृह कर बिल भेज रहे हैं। जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने एक ब्लैंक बिल भी दिखाया। इस पर सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि मामले की शिकायत उन्हें मिल चुकी है। संबंधित कर्मचारी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

पार्षदों ने कहा, बजट नहीं मिला तो वोट भी नहीं मिलेगा: रुड़की में एक प्रस्ताव के दौरान विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि सरकार से बजट के लिए निगम की अपनी आय भी जरूरी है। अगर सरकार से बजट चाहिए तो निगम की आय भी बढ़ानी होगी। इस पर पार्षद बेबी खन्ना ने कहा कि जो सरकार निगम को बजट नहीं देगी, उसे वोट भी नहीं मिलेगा।

महापौर के लिए खरीदी जाएगी इनोवा

महापौर गौरव गोयल ने अपने लिए इनोवा का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पर काफी खींचतान हुई। बाद में जब महापौर ने कहा कि जो पार्षद इसके पक्ष में नहीं है, वह हाथ खड़ा कर लें। इसके बाद इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई।

गृहकर बढ़ोत्तरी होगी रद, बढ़ेगा किराया: बैठक में गृहकर बढ़ोत्तरी में हुई 15 फीसद बढ़ोत्तरी को वापस लेने का प्रस्ताव पास हुआ। इसके साथ ही निगम की दुकानों का किराया बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। जिसमें एक रुपये से 499 के स्लैब में आने वाले दुकानदारों से अब एक हजार लिया जाएगा। 500 से 999 तक का किराया 1800 लिया जाएगा। 1000 से 1999 वाली दुकान का किराया तीन हजार और 2000 से अधिक वाली दुकान का किराया 5000 किया गया। इसके अलावा रामनगर टंकी के समीप पहली मंजिल की 23 दुकानों की नीलामी हाइकोर्ट के आदेशानुसार की जाएगी। बोर्ड में प्रस्ताव पास हुआ कि नीलामी प्रक्रिया में वर्तमान में कब्जाधारी दुकान स्वामियों को वरीयता दी जाएगी।

विधानसभा में समय खराब करते हो, यहां भी कर रहे हो: इस दौरान हल्की-फुल्की चुहल भी होती रही। विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि वह विधानसभा में सबसे ज्यादा मुद्दे उठाते हैं और प्रस्ताव पास कराते हैं। विधायक देशराज ने चुटकी लेते हुए विधायक प्रदीप बत्रा से कहा, तुम विधानसभा में भी चुप बैठे रहते हो और यहां भी चुप बैठे हो। इस पर विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि तुम विधानसभा का समय बेकार की बातों में खराब करते हो और यहां भी सबका समय खराब कर रहे हो।

बाबा साहेब की प्रतिमा पर अड़े कर्णवाल: विधायक प्रदीप बत्रा ने कैबिनेट मंत्री रहे स्व. प्रकाश पंत के नाम पर शहर के एक चौराहे का नाम रखने का प्रस्ताव रखा। इस पर नौ पार्षदों ने असहमति जताई। हालांकि यह प्रस्ताव पास हो गया। वहीं विधायक देशराज कर्णवाल ने प्रस्ताव को सुनकर कहा कि शहर के एक चौराहे पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाई जाए। उनके इस प्रस्ताव को एजेंडे में शामिल किया जाए नहीं तो वह धरने पर बैठ जाएंगे।

प्रतिनिधियों को किया बाहर

बोर्ड बैठक में महिला पार्षदों के साथ आए उनके पति को महापौर ने बाहर जाने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने अपने प्रतिनिधि और विधायक प्रतिनिधियों को भी सभाकक्ष से बाहर रहने के लिए कहा। हालांकि बैठक के अंत में विधायक प्रदीप बत्रा ने महिला पार्षद के पतियों को आने के लिए कहा। लेकिन, इसे लेकर कुछ पार्षदों ने कड़ा विरोध जताया।

दोबारा होगी आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती: आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा भी बोर्ड बैठक में उठा। आरोप लगाया कि कई आउटसोर्स कर्मचारी निगम में आते ही नहीं हैं। कई कर्मचारियों को सरकारी आवास दे दिए गए हैं, जबकि निगम के स्थायी कर्मचारियों के पास आवास नहीं हैं। इस पर महापौर ने कहा कि आउट सोर्स कर्मचारियों की भर्ती नए सिरे से होगी। इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसके अध्यक्ष वह स्वयं होंगे।


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