रमजान के पाक महीने में जेल में भी इबादत
जेडए सलमानी हरिद्वार बरकतों और इनायतों के महीने में रमजान में जेल में भी अल्लाह की इबादत
जेडए सलमानी, हरिद्वार
बरकतों और इनायतों के महीने में रमजान में जेल में भी अल्लाह की इबादत गूंज रही है। जेल में बंद रोजेदार कैदी, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, पांचों वक्त की नमाज अदा कर अल्लाह से बरकत और मुल्क में अमन चैन की दुआ मांग रहे हैं। जेल प्रशासन रोजेदारों की इबादत में सहभागी बनकर खुद को धन्य करने में जुटा है। सहरी से लेकर इफ्तारी का पूरा प्रबंध किया जा रहा है।
रोशनाबाद जिला कारागार में रमजान के महीने में 330 बंदी, जिनमें सजायाफ्ता और विचाराधीन भी हैं, अपने धर्म की परंपरा के मुताबिक अल्लाह की नेमत पाने को रोजे रख रहे हैं। इन कैदियों में 6 महिलाएं भी हैं, जो पूरे नियम से रोजे रख अल्लाह से बरकत की दुआ कर रही हैं। पांचों वक्त की नमाज जहां बैरक में ही रोजेदार कर रहे हैं, वहीं हर जुमे को बाहर से मौलाना जमील अहमद की देखरेख में नमाज अदा की जा रही है। रोजेदारों के सहरी और इफ्तारी के समय का भी पूरा ख्याल जेल प्रशासन को है। जेल प्रशासन रोजेदारों को सहरी में बंद-मक्खन, समोसा, एक पाव दूध और चाय भी दे रहा है। वहीं दिन में उनके आराम के वक्त का भी ख्याल रख रहा है। शाम को इफ्तारी में रोजेदारों को चावल, रोटी, सब्जी, मौसमी फल और रोजा खोलने के लिए खजूर भी दिया जा रहा है। इससे रोजेदार अपने गुनाहों से तौबा करने के लिए कुरान पाक की आयतें पढ़कर अल्लाह की नेमत पाने और मुल्क में अमन चैन की दुआ कर रहे हैं।
रोजेदारों को जेल प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है। हर किसी अपने धर्म के अनुसार इबादत करने का अधिकार है। जेल प्रशासन रोजेदारों को सहरी और इफ्तारी समय पर करा रहा है।
एसएम सिंह, जेलर, जिला कारागार, रोशनाबाद