दो लाख के फेर में कारोबारी ने गंवाये 22 हजार
जागरण संवाददाता, रुड़की: बैंक के बाहर ट्रांसपोर्ट कारोबारी को 22 हजार रुपये लेकर दो लाख की ब्लैकमनी क
जागरण संवाददाता, रुड़की: बैंक के बाहर ट्रांसपोर्ट कारोबारी को 22 हजार रुपये लेकर दो लाख की ब्लैकमनी का झांसा देकर दो युवक ठगी करके फरार हो गए। आरोपी 22 हजार की रकम के बदले उसे कागज का बंडल थमा गए। ठगी का शिकार युवक करीब दो घंटे तक पुलिस को घुमाता रहा। पुलिस ने उसकी जेब से जब कागज का बंडल बरामद किया तो हकीकत सामने आ गई। पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ पुलिस एक्ट में कार्रवाई की है।
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के प्रीत विहार कॉलोनी निवासी सुमित कुमार ट्रांसपोर्ट कारोबारी है। उनका मालवीय चौक के पास ही ट्रांसपोर्ट का कार्यालय है। मंगलवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे सुमित कुमार 22 हजार की रकम लेकर बैंक में जमा कराने गया था। यह रकम उसके बैग में रखी थी। उसने बैंक के अंदर एक युवक की मदद से रुपये जमा करने का फार्म भरा। इसी दौरान युवक ने उसे झांसा देते हुए कहा कि उसके पास दो लाख रुपये की ब्लैकमनी है। उसने कहा कि अगर वह 22 हजार की रकम उसे देता है, तो वह दो लाख की ब्लैकमनी उसके हवाले कर देगा। उसकी बातों में आकर युवक 22 हजार की रकम देने को तैयार हो गया। आरोपी उसे लेकर बैंक से बाहर आ गया। बाहर आने पर युवक ने अपने साथी से लेकर रुमाल में बंधा नोटों का बंडल बताकर उसे थमा दिया और उससे 22 हजार रुपये लेकर युवक फरार हो गया। इसी बीच, कारोबारी ने बंडल खोलकर देखा तो उसके अंदर कागज भरे थे। इसी दौरान कारोबारी का भाई योगेश कुमार भी वहां पर आ गया। उसे जब इसकी जानकारी मिली तो उनके होश उड़ गए। आरोप है कि इसके बाद दोनों भाइयों ने पुलिस को लूट की झूठी सूचना दे दी। इस पर पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए उनके पास से कागज के बंडल बरामद किए। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने हकीकत बता दी। पुलिस ने सुमित की तहरीर पर ठगी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, पुलिस ने पुलिस को गुमराह करने के मामले में दोनों भाइयों पर पुलिस एक्ट में कार्रवाई की है।
सम्मोहित करने की बात कही
लूट की सूचना देने के बाद जब पुलिस ने सुमित से पूछताछ की तो वह कई बार अपनी कहानी बदलता रहा। सुमित ने पुलिस को बताया कि जब वह बैंक के बाहर आया तो युवकों ने रुमाल उसके चेहरे पर घुमाया था, जिसके बाद उसका सिर भारी हो गया और उसने अपनी रकम आरोपी को दे दी।