बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर गंभीर नहीं स्कूल
जागरण संवाददाता, रुड़की : गुरुजी भले ही बच्चों को ज्ञान से अपडेट रहने की बात करते हों, लेकिन खुद अ
जागरण संवाददाता, रुड़की : गुरुजी भले ही बच्चों को ज्ञान से अपडेट रहने की बात करते हों, लेकिन खुद अपडेट नहीं होना चाहते हैं। इसका बायोमेट्रिक हाजिरी को शिक्षकों द्वारा स्वीकार न करना इसका नमूना है। शासन के निर्देश पर स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगा तो दी गई हैं, लेकिन अधिकांश जगह मशीन ठप पड़ी हुई हैं। कुछ स्कूलों में तो दो या तीन बार उसको तोड़ ही दिया गया है। इसके अलावा शिक्षक कोई न कोई तरकीब निकालकर मशीन से हाजिरी लगाने से बचना चाह रहे हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से सभी विभागों में बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य कर दिया गया है। विभिन्न विभागों में बायोमेट्रिक मशीन लग गई हैं। इसके अलावा हाईस्कूल और इंटर कॉलेज में भी बायोमेट्रिक मशीन लग गई हैं। स्कूल, कॉलेज में मशीन लगवाने के पीछे विभाग की मंशा यह है कि शिक्षक समय से स्कूल में आएं और निर्धारित समय से जाएं। शिक्षकों के बंक मारने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सके, लेकिन अधिकांश स्कूलों में तो मशीन लगने के साथ ही खराब हो गई है। दो दिन पहले राजकीय इंटर कालेज रुड़की में शिक्षा मंत्री के छापे के दौरान पाया गया कि बायोमेट्रिक हाजिरी मशीन से ¨प्रट आउट ही नहीं निकल पा रहा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आरडी शर्मा ने बताया कि कुछ जगह मशीनों में छेड़छाड़ की गई है। हरिद्वार शहर के एक इंटर कॉलेज में तीन बार मशीन को ही तोड़ दिया गया है। इसके अलावा एक स्कूल में च्यूइंगम ही चिपका दिया। किसी ने मशीन के अंदर ऑयल डाल दिया, जिस कारण से वह खराब हो गई। इस बारे में सभी प्रधानाचार्यो को सख्त निर्देश दिए गए हैं, कि वह बायोमेट्रिक मशीन को दुरुस्त रखेंगे। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान मशीनों को भी चेक किया जाएगा।
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इनसेट--
ट्रेजरी से जुड़ने पर ही हो सकेगा असर
रुड़की: अभी तक बायोमेट्रिक हाजिरी का रेकार्ड केवल स्कूल तक ही रहता है। हालांकि निरीक्षण के दौरान कोई भी अधिकारी पिछली उपस्थिति आदि चेक कर सकता है। सरकार अब माध्यमिक स्कूलों की बायोमेट्रिक मशीन को कोषागार से जोड़ने की भी योजना बना रही है। हालांकि इस पर अभी बहुत काम होना है।