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अब न्याय को नहीं भटकेंगी पीड़िता

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: एसिड अटैक, दुष्कर्म पीड़िताओं को अब न्याय पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। ऐस

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: एसिड अटैक, दुष्कर्म पीड़िताओं को अब न्याय पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। ऐसे मामलों में कानूनी सहायता व आर्थिक मदद देने के लिए हरिद्वार में भी निर्भया प्रकोष्ठ खोल दिया गया है। इससे पीडि़ता को न्याय मिलने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी मदद मिलेगी।

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दिसंबर 2012 में दिल्ली में छात्रा के साथ दुष्कर्म कर बस से फेंकने का मामला सामने आया था। उपचार के दौरान छात्रा की अस्पताल में मौत हो गई थी। यह मामला मीडिया की सुर्खियां बना था, जिसके बाद प्रत्येक राज्य में छात्रा व महिलाओं की मदद के लिए निर्भया प्रकोष्ठ बनाने की योजना बनी। वर्ष 2013 में देहरादून, ऊधम¨सहनगर, पौड़ी, नैनीताल, टिहरी में निर्भया प्रकोष्ठ अस्तित्व में आए थे, जबकि अन्य जिलों में यह प्रकिया थमी थी। अब हरिद्वार में निर्भया प्रकोष्ठ का शुभारंभ हो चुका है। निर्भया प्रकोष्ठ का उद्देश्य दुष्कर्म पीड़िता, एसिड अटैक, छेड़खानी आदि शिकायतों का निस्तारण करना है। साथ ही उक्त मामलों समेत अन्य मामलों में सरकारी वकील की ओर से होने वाली कार्रवाई की मॉनीट¨रग करना भी है, जिससे पीड़िता को समय से इंसाफ मिल सके।

लीगल एडवाइजर आयरीना चंद ने बताया कि जल्द ही लैंडलाइन फोन की व्यवस्था होगी। जिस नंबर पर पीड़ित शिकायत दर्ज करा सकेंगे। फिलहाल 181 एवं 1090 में आने वाली शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा। बताया कि मुफ्त लीगल एडवाइज पीड़ित को मिलेगी। बताया कि कई बार पीड़ितों को इंसाफ के लिए भटकना पड़ता है। निर्भया प्रकोष्ठ पूरी मदद पीड़ितों के लिए करेगा।

लीगल एडवाइजर समेत चार पद

निर्भया प्रकोष्ठ में चार पद सृजित किए हैं। इसमें लीगल एडवाइजर, काउंसलर, टाइपिस्ट एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। लीगल एडवाइजर के पद पर अधिवक्ता आयरीना चंद, काउंसलर पद पर कुमारी कांति की तैनाती कर दी गई है, जबकि टाइपिस्ट व चतुर्थ श्रेणीकर्मी की तैनाती नहीं हो सकी है।

आर्थिक अनुदान का प्रावधान है

लीगल एडवाइजर आयरीना चंद ने बताया कि दुष्कर्म, एसिड अटैक समेत अन्य मामलों में पीड़िता के शरीर को चालीस से अधिक एवं अस्सी फीसद कम नुकसान होने पर 50 हजार आर्थिक मदद का प्रावधान है। अस्सी फीसद से अधिक शरीर का नुकसान व विकलांगता होने पर आर्थिक मदद एक लाख देने का प्रावधान है। इसी तरह नाबालिग के साथ दुष्कर्म होने पर ढाई लाख की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। शिकायत के लिए 9410104944 पर फोन कर सकते हैं।


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