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हो जाइए तैयार, इस राज्य में बरसेंगी झमाझम सरकारी नौकरियां

प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 को रोजगार वर्ष के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। इससे विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियों की बरसात होने जा रही है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 05:15 PM (IST)
हो जाइए तैयार, इस राज्य में बरसेंगी झमाझम सरकारी नौकरियां

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: रोजगार के नए मौके मिलने का इंतजार कर रहे प्रदेश के युवाओं की मुराद इस वर्ष पूरी होने जा रही है। नौकरियों की झमाझम बरसात होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 को रोजगार वर्ष के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है।

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राज्य के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों को इस संबंध में सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। रोजगार वर्ष के तहत राज्य के युवाओं का कौशल विकास करते हुए रोजगार और स्वरोजगार के मौके प्रदान किए जाएंगे। 

इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से 27 अप्रैल को दोपहर चार बजे बैठक बुलाई गई है। शासन के सभी आला अधिकारियों को महकमों में रिक्त पदों के साथ ही स्वरोजगार के अवसरों से संबंधित सूचनाएं देने को कहा गया है। 

गौरतलब है कि बीते मार्च माह में गैरसैंण में पारित वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में रोजगार के नए अवसर मुहैया कराने का संकल्प जताया गया है। राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने को देशी-विदेशी उद्यमियों को आकर्षित किया जा रहा है। 

माना जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में 554 करोड़ के उद्यमों के स्थापित होने से 500 लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे। इसके साथ ही सरकार की ओर से सरकारी महकमों में जरूरत के सभी पदों को भरने की कवायद भी चल रही है। 

सरकार की योजना इस वर्ष 6.14 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया कराने की है। सहकारिता और उद्यान के क्षेत्र में सर्वाधिक 3.70 लाख लोगों को रोजगार के अवसर देने पर जोर दिया जा रहा है। विभिन्न विभागों में लगभग 6500 रिक्तियां जारी की जा चुकी हैं। वर्ष 2017-18 में 2500 पदों पर नियुक्तियां की गईं। 

इन क्षेत्रों में है रोजगार 

क्षेत्र------------------------------संख्या

सहकारिता--------------------2,10,000

उद्यान------------------------1,60,000

स्वयं सहायता समूह-----------84,000

जलागम--------------------------79,638

डेयरी------------------------------50,000

उद्योग स्थापना-----------------22,000

गाम्य विकास----------------------8000

कौशल विकास---------------------5000 

800 ग्राम संगठन-----------------4000

कृषि---------------------------------1930

मत्स्य पालन------------------------750

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