सीएम कार्यालय में युवा पेशेवरों की दस्तक, सरकार के कामकाज को देंगे नई धार
सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष सीएम हेल्पलाइन और सीएम मोबाइल एप के जरिये लोगों को राहत पहुंचाने और महकमों को अलर्ट मोड पर रखने के लिए चार युवा पेशेवर नियुक्त किए गए हैं।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। तकनीक में सिद्धहस्त युवा पेशेवर अब सरकार के कामकाज को नई धार देंगे। नीति नियोजन से लेकर जन कल्याण की योजनाओं को जमीन पर तेजी से अमलीजामा पहनाने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में आला नौकरशाहों और सरकार की मदद करेंगे। इस कड़ी में सीएम डैशबोर्ड 'उत्कर्ष', सीएम हेल्पलाइन और सीएम मोबाइल एप के जरिये आम आदमी को राहत पहुंचाने और महकमों को अलर्ट मोड पर रखने के लिए चार युवा पेशेवर नियुक्त किए गए हैं।
प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव की मुहिम तेज कर दी है। सरकारी कार्यशैली में बदलाव की ये इबारत बाहर से युवा पेशेवरों की मदद से लिखी जाएगी। उत्तराखंड ने नीति आयोग की तर्ज पर पेशेवर कंसल्टेंट रखने की दिशा में पहल की है। इस मामले में सरकार की सक्रियता का अंदाजा इससे लग सकता है कि बीते फरवरी माह में मंत्रिमंडल ने युवा पेशेवर नीति को मंजूरी मिलने के बाद छह माह के भीतर इस पर अमल कर दिया गया है। सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने चार युवा पेशेवरों की भर्ती की किए जाने की पुष्टि की। इन चार पदों के लिए 750 आवेदन सरकार को मिले थे। इन पदों पर आइआइटी के दो, आइआइआइटी के एक और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के एक युवा समेत कुल चार युवा पेशेवर नियुक्त किए गए हैं।
ये चार युवा पेशेवर मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न दायित्व संभालेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से इन पेशेवरों के जुडऩे से तमाम सरकारी महकमों को भी अब योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट होना पड़ेगा। आम आदमी को सुशासन का अहसास हो, इसके लिए सीएम डैशबोर्ड की नियमित मॉनीटङ्क्षरग के साथ ही महकमों को सही डाटा मुहैया कराने के लिए जरूरी टिप्स ये पेशेवर देंगे। साथ में सीएम हेल्पलाइन और सीएम मोबाइल एप से जन समस्याओं के निदान की गति भी तेज होना तय है।
यह है युवा पेशेवर नीति:
सरकारी महकमों की कार्यक्षमता बढ़ाने और इसके लिए विभागीय कार्यों को पेशेवर तरीके से अंजाम देने के लिए हर वर्ष युवा पेशेवर कार्यक्रम की अवधि 11 माह के लिए होगी। सरकारी विभाग एक वर्ष में अधिकतम दो युवा पेशेवरों को रख सकेगा। किसी विभाग की आवश्यकता पर युवा पेशेवरों की दो से अधिक संख्या का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। चयनित युवा पेशेवरों को प्रतिमाह 15 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। उन्हें फील्ड वर्क के लिए बतौर टीए सौ रुपये और डीए के रूप में 200 रुपये प्रतिदिन देय होंगे।
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उत्पल कुमार सिंह (मुख्य सचिव उत्तराखंड) का कहना है कि उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों से आने वाले युवाओं के नए विचारों और सरकारी अधिकारियों के अनुभव से कार्यसंस्कृति में निश्चित बदलाव आना चाहिए। यह पहल कारगर रही तो आने वाले समय में इसका व्यापक उपयोग होगा।
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