Chardham Yatra व्यवस्था को लेकर बिफरे नेता प्रतिपक्ष आर्य, सतपाल महाराज ने कहा- यात्रा को थोड़ा धीमा करेगी सरकार
यशपाल आर्य ने कहा कि यात्रा का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लगभग 1200 करोड़ रुपये का योगदान है। समय रहते सरकार नहीं चेती तो अव्यवस्था से उत्तराखंड की छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा। सतपाल महाराज ने कहा कि यात्रा की गति को थोड़ा धीमा करते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा
राज्य ब्यूरो, देहरादून : नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने चारधाम यात्रा को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि यात्रा अव्यवस्था अब प्राणघातक होकर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही है। सरकार और उसके मंत्री विदेश भ्रमण या कोरी बयानबाजी से व्यवस्था सुधारना चाहते हैं तो भाजपा के प्रवक्ता मौत को मोक्ष से जोड़कर उपहास उड़ा रहे हैं।
उदयपुर चिंतन शिविर से लौटे यशपाल आर्य ने बयान जारी कर कहा कि चारधाम यात्रा का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लगभग 1200 करोड़ रुपये का योगदान है। समय रहते सरकार नहीं चेती तो अव्यवस्था से उत्तराखंड की छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
राज्य की अर्थ व्यवस्था और संबंधित जिलों के निवासियों की आमदनी भी प्रभावित होगी। बीती तीन मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 40 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। वैष्णो देवी सहित विश्व के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होने वाली धार्मिक यात्राओं से तुलना करें तो यह आंकड़ा काफी अधिक है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के लचर प्रबंधन ने हिंदुओं की आस्था पर गहरी चोट पहुंचाई है। यात्रियों को बिना दर्शन किए ही लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है। अनियंत्रित भीड़, मार्गों पर घंटों जाम से यात्रियों द्वारा बुक कराए गए होटल खाली हैं। ढाबे, लाज संचालकों, खच्चर मालिकों व फूल-प्रसाद बेचने वालों में रोष है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भी यात्रा व्यवस्था को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों में अंतर्विरोध को सामने रखती रही है। यात्रियों के पंजीकरण पर मुख्यमंत्री, धर्मस्व मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी अलग-अलग बयान देते रहे हैं। दुबई से लौटने के बाद पर्यटन व धर्मस्व मंत्री स्थानीय व्यापारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन उनके साथ एक बार भी बैठक नहीं की। उन्होंने कहा कि यात्रा में अव्यवस्था देखकर ही प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट मंगानी पड़ी।
चारधाम यात्रा को थोड़ा धीमा करेगी सरकार : महाराज
पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। ऐसे में यात्रा की गति को थोड़ा धीमा करते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धामों में वहन क्षमता के अनुरूप ही यात्री आएं, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि सभी धामों में वहां की वहन क्षमता के हिसाब से सरकार ने पूरी तैयारियां की हैं। यात्रियों को आसानी से धामों में दर्शन हों और उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसी के दृष्टिगत वहन क्षमता के हिसाब से धामों में दर्शन की संख्या तय की गई है। उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित धामों की परिस्थिति को भी समझें। यात्रा पर आने से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।
यात्रियों के ठहरने और नजदीकी तीर्थों में दर्शन की व्यवस्था हो
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने चारधाम यात्रा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार को सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में यात्रियों की संख्या अधिक होने पर उनमें से कुछ को यात्रा मार्ग पर ठहराने की व्यवस्था की जाए। इन यात्रियों को निकटस्थ तीर्थ स्थल के दर्शन कराए जाएं और इसका खर्च सरकार स्वयं वहन करे।
इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार से राज्य के हर हिस्से में 50 से 60 किमी पर महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। अधिक संख्या में यात्रियों को इन तीर्थ स्थलों पर ले जाया जा सकता है। यात्रियों की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ खान-पान पर भी नजर रखनी पड़ेगी। कुछ व्यक्तियों ने उन्हें दूरभाष पर बताया कि एक परांठे के लिए 150-160 रुपये लिए जा रहे हैं। कुछ यात्री इसका भुगतान कर सकते हैं।
छोटी-मोटी बचत के आधार पर तीर्थ स्थल आने वाले व्यक्तियों के खाने-पीने, रहने की सुविधा उचित मूल्य पर होनी चाहिए। दवा और एसडीआरएफ की सुविधा के लिए हर 100 यात्रियों के बीच एक हेल्प डेस्क बनना चाहिए, ताकि उन्हें हर तरीके की सुविधा और मार्गदर्शन मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के निवासियों से अपील की कि उनके कथन को राज्य सरकार की आलोचना न समझा जाए। चारधाम यात्रा सबकी सामूहिक चुनौती है। कुछ बातें उन तक पहुंची हैं, उसे राज्य सरकार तक पहुंचाया जा रहा है।
मोदी के कार्यकाल में देश असमंजस में : माहरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया, लेकिन देश असमंजस में है। महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। ध्रुवीकरण की राजनीति की जा रही है। माहरा ने एक बयान में आरोप लगाया कि देश के हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं। जीएसटी में संशोधनों से व्यापारी व उद्योगपति परेशान हैं।
केंद्र की मोदी सरकार में संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। देश उस रास्ते पर बढ़ रहा है, जिस पर चलकर श्रीलंका स्वयं को बर्बाद कर चुका है। उन्होंने कहा कि देश नहीं संभला तो गिरती अर्थव्यवस्था से जनता, किसानों, व्यापारियों, उद्योगों को कठिनाइयों से जूझना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह भेदभाव मिटाकर पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह से सलाह लें, ताकि देश सही दिशा में जा सके।
चम्पावत को सात सेक्टर में बांटा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने चम्पावत उपचुनाव में प्रचार के लिए सात सेक्टर बनाकर वरिष्ठ नेताओं की फौज उतार दी है। बनबसा, टनकपुर नगर, चम्पावत नगर व देहात, सूखी ढांग, अमोडी, मंच तामली व सिप्टी सेक्टर के लिए तय की गई टीम को चुनाव प्रचार में जुटने के निर्देश दिए गए हैं।