खनन शुरू न होने से कारोबारी खफा
राज्य ब्यूरो देहरादून सचिवालय में खनन की स्वीकृति लेने संबंधी जानकारी के लिए आयोजित कार्यश्
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सचिवालय में खनन की स्वीकृति लेने संबंधी जानकारी के लिए आयोजित कार्यशाला में खनन व्यवसायी खासे खफा नजर आए। उनका तर्क था कि प्रदेश में खनन के लिए स्वीकृति कैसे मिले, इसकी जानकारी मिलना तो ठीक है लेकिन सवाल यह कि आखिर खनन विभाग अभी तक पट्टेधारकों को वर्क आर्डर क्यों जारी नहीं कर रहा है। इसे लेकर थोड़ी देर तक हंगामे की स्थिति रही और इसके कुछ देर बाद कार्यशाला समाप्त हो गई।
रविवार को सचिवालय में खनन के साथ ही विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) के प्रकरणों के संबंध में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सीआ) के तत्वावधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बताया गया कि खनन व्यवसायी किस तरह पर्यावरणीय अनुमति ले सकते हैं। रिजर्व क्षेत्र के कितने दायरे में उनको सीआ से अनुमति लेनी है कि कितने क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ बोर्ड अनुमति देगा। प्रस्ताव किस तरह भेजा जाना है, इसके लिए एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। इसके बाद खनन व्यवसायियों की समस्याओं पर चर्चा शुरू हुई तो उन्होंने सीधे प्रदेश में अभी तक खनन शुरू करने की अनुमति न देने का सवाल उठा दिया। उनका तर्क था कि करोड़ों रुपये देकर पांच साल के लिए पट्टे लिए गए हैं। प्रतिवर्ष 30 जून से एक अक्टूबर तक के लिए खनन बंद रहता है। ऐसे में दो अक्टूबर से स्वत: ही खनन की अनुमति मिल जानी चाहिए लेकिन इसके लिए हर बार वर्क आर्डर लेना पड़ रहा है। इस बार अभी तक वर्क आर्डर नहीं दिए गए हैं। इस मामले में कुछ देर तक खासा हंगामा हुआ। इसके कुछ देर बाद औपचारिकताएं पूरी कर यह कार्यशाला समाप्त हो गई।
बैठक में अपर सचिव खनन मेहरबान सिंह बिष्ट, सीआ के एके सिन्हा समेत खनन विभाग के अधिकारी व जिला खनन अधिकारी आदि उपस्थित रहे।