सुप्रीम आदेश: वर्कचार्ज कर्मियों को देनी होगी पेंशन
लोनिवि के करीब 1200 वर्कचार्ज कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: लोनिवि के करीब 1200 वर्कचार्ज कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट के सोमवार को दिए गए आदेश के मुताबिक अब एक अक्टूबर 2005 या उसके बाद नियमित हुए वर्कचार्ज कर्मियों को भी पेंशन देनी होगी। यानी कर्मचारियों की पूर्व की सेवा को भी पेंशन में जोड़ा जाएगा।
इससे पूर्व नैनीताल हाई कोर्ट ने 26 अप्रैल 2018 के आदेश में वर्कचार्ज कर्मचारियों को पेंशन देने के आदेश दिए थे। इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। जिसमें सरकार ने बड़ी बेंच के गठन का आग्रह किया था। अपील में सरकार ने कहा था कि एक अक्टूबर 2005 से नई पेंशन नीति लागू कर दी गई थी, लिहाजा इस अवधि में नियमित किए गए कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी जा सकती। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप न सिर्फ पेंशन को हरी झंडी दे दी, बल्कि यह भी कहा कि वर्कचार्ज कर्मचारी एरियर के भी हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट में वर्कचार्ज कर्मचारियों की ही उत्तर प्रदेश को मिलाकर करीब 800 रिट दायर की गई थीं। इस तरह सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से दोनों ही राज्यों के वर्कचार्ज कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल गई है। लोनिवि दैनिक/कार्यप्रभारित कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बाबू खान ने इस आदेश को कर्मचारियों के संघर्ष की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को सभी पात्र वर्कचार्ज कर्मचारियों को आदेश के मुताबिक लाभ प्रदान कर देना चाहिए। सिंचाई विभाग मामले में पहले हार चुकी सरकार
सिंचाई विभाग के वर्कचार्ज कर्मचारी हबीब खान के मामले में राज्य सरकार हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से लेकर डबल बेंच व फिर सुप्रीम कोर्ट में 16 जनवरी 2018 के आदेश में पहले ही हार चुकी है। यही वजह रही कि लोनिवि के मामले में सरकार ने लार्जर बेंच (संयुक्त पीठ) के गठन की मांग के रूप में एक नई उम्मीद तलाशी थी।