टेक होम राशन व्यवस्था निजी हाथों में देने का विरोध
संवाद सहयोगी विकासनगर टेक होम राशन की व्यवस्था को महिला स्वयं सहायता समूहों से लेकर निजी हाथों में दिए जाने से समूहों की सदस्य नाराज हैं। उनका कहना है कि इस नई व्यवस्था से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। उन्होंने राज्य सरकार से टेक होम राशन व्यवस्था को निजी हाथों में न देने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: टेक होम राशन की व्यवस्था को महिला स्वयं सहायता समूहों से लेकर निजी हाथों में दिए जाने से समूहों की सदस्य नाराज हैं। उनका कहना है कि इस नई व्यवस्था से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। उन्होंने राज्य सरकार से टेक होम राशन व्यवस्था को निजी हाथों में न देने की मांग की है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में राशन वितरण की व्यवस्था का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह निभा रहे हैं। समूहों से जुड़ी महिलाएं बाजार से राशन व इसकी पैकिग का सामान खरीदकर अपने स्तर से आंगनबाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराती हैं। स्वयं सहायता समूह की प्रदेश अध्यक्ष राधा देवी का कहना है कि सरकार ने टेक होम राशन की व्यवस्था को ठेके पर देने का निर्णय लिया है। जिससे सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। उनका कहना है कि राशन खरीद, पैकिंग का काम ठेके पर चले जाने से महिलाओं को आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा महिलाओं ने काफी मात्रा में राशन व पैकिग का अन्य सामान खरीदा हुआ है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों को राशन की सप्लाई बंद हो जाने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलकर एक ज्ञापन भी प्रेषित किया, लेकिन अभी तक सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने सरकार से इस नई व्यवस्था को निरस्त करने की मांग की है। उधर, महिला जागृति स्वयं सहायता समूह से जड़ी श्यामा देवी का कहना है कि यदि सरकार अपने निर्णय को वापस नहीं लेती है तो महिलाओं को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। विरोध दर्ज कराने वालों में लता नेपाली, प्रभा असवान, गीता मौर्या, रीता नेगी, कोमल, ममता, निहाल, बीना मेहता, गीतांजलि, फरजाना आदि शामिल हैं।