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आउट सोìसग एजेंसी के चयन का टेंडर निरस्त करने के आदेश

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूíत के लिए आउट सोìसग एजेंसी के चयन को टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़झाले की बात सामने आने पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने तत्काल प्रभाव से टेंडर के साथ ही निदेशक की ओर से जारी कार्यादेश निरस्त करने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:09 AM (IST)
आउट सोìसग एजेंसी के चयन का टेंडर निरस्त करने के आदेश
आउट सोìसग एजेंसी के चयन का टेंडर निरस्त करने के आदेश

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूíत के लिए आउट सोìसग एजेंसी के चयन को टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़झाले की बात सामने आने पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने तत्काल प्रभाव से टेंडर के साथ ही निदेशक की ओर से जारी कार्यादेश निरस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही इससे संबंधित पत्रावली भी तलब कर ली है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की थर्ड पार्टी जाच कराई जाएगी, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। विभागीय मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों के रवैये पर गंभीर नाराजगी जताई और कहा कि इनसे स्पष्टीकरण भी लिया जाएगा।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने आउट सोìसग एजेंसी के चयन के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। इस बीच देहरादून और ऊधमसिंहनगर की दो फर्माें ने शिकायत दर्ज कराई कि विभाग ने जिन चार फर्माें को तकनीकी परीक्षण के लिए योग्य माना है, उनके दस्तावेज निवदा की शर्ताें के अनुरूप नहीं हैं। बताया गया कि दो फर्माें के निविदा प्रपत्रों में संविदा श्रमिक नियमावली-1971 का पंजीकरण प्रमाणपत्र नहीं है, जो अनिवार्य किया गया था। दो फर्माें ने नॉन ब्लैकलिस्टिंग और इंसाल्वेंसी सíटफिकेट से संबंधित शपत्र पत्र अलग-अलग नहीं दिए हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि राज्य की क्रय वरीयता नीति-2019 के विपरीत प्रदेश से बाहर की इकाइयों को कार्यादेश जारी कर लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को सचिव और निदेशक को पत्र भेजकर कहा कि तकनीकी शर्तें पूर्ण न करने वाली फर्माें को फाइनेंशियल बिड में शामिल करना न सिर्फ अनियमितता को दर्शाता है, बल्कि यह एक गंभीर विधिक प्रकरण भी है। इससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने निविदा से संबंधित पत्रावली तलब करने के साथ ही अग्रिम आदेशों तक निविदा से संबंधित कोई भी कार्यादेश जारी न करने को कहा। साथ ही अग्रिम आदेशों तक निविदा प्रक्रिया को स्थगित करने के आदेश दिए। इस बीच सोमवार शाम को पता चला कि विभागीय निदेशक ने उत्तर प्रदेश की एजेंसी को कार्यादेश जारी किया है, जिस पर 19 सितंबर की तिथि अंकित है। इसके बाद देर शाम को विभागीय मंत्री आर्य ने इस कार्यादेश को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए।

विभागीय मंत्री आर्य ने इस मामले में अधिकारियों के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि विभागीय सचिव और निदेशक को सूचना दिए जाने के बावजूद उनके द्वारा कोई रिस्पास नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। अधिकारियों को निर्देश हैं कि वे फोन रिसीव करने के साथ ही समय पर जानकारिया उपलब्ध कराएं। बावजूद इसके कुछ अधिकारी सरकार की इस नीति को पलीता लगा रहे हैं। इसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जाएगा।


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