हिमालय में है जड़ी-बूटियों का खजाना
देहरादून: हमारे हिमालयी क्षेत्र में छह लाख 50 हजार जड़ी-बूटियों का खजाना है। सरकार की अ
देहरादून: हमारे हिमालयी क्षेत्र में छह लाख 50 हजार जड़ी-बूटियों का खजाना है। सरकार की ओर से इनके कृषिकरण को बढ़ावा मिले तो प्रदेश की आय बढ़ सकती है।
शनिवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित बैठक में सेवानिवृत्त बीएसएनएल उप महाप्रबंधक नंदन सिंह रौकली ने हिमालयी औषधियों की उपयोगिता बताकर इनके कृषिकरण को जरूरी बताया। उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि सरकार के सहयोग से इसकी खेती कराई जाए। वहीं किसानों की ओर से उगाए गए जड़ी-बूटियों को हमारी संस्था खरीद लेगी। इससे गांव, प्रदेश और देश को आर्थिक लाभ होगा। बताया कि इस संबंध में वित्त मंत्री प्रकाश पंत के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है, लेकिन चार महीने बीतने पर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं पूर्व शिक्षा निदेशक चंद्र सिंह ग्वाल ने अतीस, थुनेर, कीड़ाजड़ी, कस्तूरी, कूठ, कुटकी आदि जड़ी-बूटियों के गुण बताए। इस दौरान विशाल थापा, कमांडेंट सीपी शर्मा आदि मौजूद थे। (जासं)