वृद्ध और दिव्यांगों की निष्ठा से ऊंचा हुआ लोकतंत्र का सिर
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: भारत के लोकतंत्र को यूं ही महान नहीं कहा जाता। इस लोकतंत्र ने
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: भारत के लोकतंत्र को यूं ही महान नहीं कहा जाता। इस लोकतंत्र ने प्रत्येक नागरिक को अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने का स्वतंत्र अधिकार प्राप्त है। लोकतंत्र के इस पर्व में सभी जागरूक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए हर हाल में घर से बाहर निकलते हैं। तीर्थनगरी क्षेत्र की तीन निकायों में भी मतदान के प्रति दिव्यांग और वृद्धजनों की निष्ठा ने लोकतंत्र का सिर ऊंचा कर दिया।
रविवार को नगर निगम ऋषिकेश, नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला व नगर पंचायत जौंक-स्वार्गाश्रम के लिए मतदान हुआ। तीनों निकायों में बड़ी संख्या में वृद्धजन और दिव्यांग मतदान के लिए मतदान केंद्रों तक पहुंचे। ऋषिकेश नगर निगम के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मतदान केंद्र पर दिव्यांग वरुण कुमार जैन अपनी बाइक पर स्वयं ही मतदान केंद्र पर पहुंचे और उत्साह के साथ मताधिकार का प्रयोग किया। देहरादून मार्ग निवासी 85 वर्षीय शूरवीर ¨सह पंवार अपने पुत्रों के साथ लाठी टेकते हुए मतदान केंद्र पर पहुंचे। उधर, लिटिल स्टार स्कूल मतदान केंद्र पर आशुतोष नगर निवासी यशपाल ¨सह अपनी व्हील चेयर पर मतदान के लिए पहुंचे। नगर पंचायत जौंक स्वर्गाश्रम में 90 वर्षीय बुजुर्ग साधू रामदास को उनके सहयोगी स्कूटर पर मतदान केंद्र लाए, जहां उन्होंने पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बाद अपने सहयोगी के साथ मतदान किया। ढालवाला में भी 85 वर्षीय बुजुर्ग को उनके परिजनों ने मतदान केंद्र तक पहुंचाया। वहीं दिव्यांग धनंजय नौटियाल ने भी मताधिकार का प्रयोग किया। दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के प्रति अन्य मतदाताओं ने भी सम्मान का भाव दिखाया। लंबी कतार पर लगे होने के बावजूद दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को पहले मतदान का अधिकार दिया गया।