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मोटे अनाज की खेती को किया प्रोत्साहित

जागरण संवाददाता विकासनगर कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी परिसर में विज्ञानियों ने राष्ट्रीय पोष

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 03:26 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 03:26 AM (IST)
मोटे अनाज की खेती को किया प्रोत्साहित
मोटे अनाज की खेती को किया प्रोत्साहित

जागरण संवाददाता, विकासनगर: कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी परिसर में विज्ञानियों ने राष्ट्रीय पोषण वाटिका महाभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, कृषक व महिलाओं को मोटे अनाज की महत्ता बताते हुए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का प्रसारण वेब लिक के माध्यम से कृषकों को दिखाया गया। कार्यक्रम में 116 कृषक व कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग कर खेती संबंधी जानकारी हासिल की। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के प्रभारी अधिकारी डा. एके शर्मा ने पोषण की महत्ता व गृह वाटिका के रखरखाव पर जानकारी दी।

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केंद्र की विज्ञानी डा. ललिता शुक्ला ने मोटे अनाज मंडुवा, रागी, मादिरा, झंगोरा, कौणी, चीना व कुटकी का महत्व बताया। कहा दैनिक आहार में लिए जाने वाले गेहूं व चावल की तुलना में मोटे अनाज पौष्टिकता से भरपूर हैं। विशेषकर उत्तराखंड में परंपरागत फसल के रूप में मोटे अनाज के तहत मंडुवा व झंगोरा काफी प्रचलित है। रामदाना व कुट्टू मोटे अनाज में नहीं आते, लेकिन पौष्टिकता की दृष्टि से काफी महत्व रखते हैं। कुट्टू का आटा व्रत आदि में पूरी, पकोड़ी, हलुवा आदि फलाहार के रूप में खाया जाता है। किसी भी मोटे अनाज विशेषकर मंडुवा में कैल्शियम, आयरन व खनिज लवणों की अधिकता रहती है, जोकि शारीरिक विकास व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विशेष महत्व रखता है। केंद्र की विज्ञानी डा. ललिता शुक्ला ने कहा कि मादिरा और कौणी से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से सूक्ष्म तत्वों का अभाव व कुपोषण से बचा जा सकता है। इसके साथ ही साथ मोटे अनाजों का आटा रेशे व पौष्टिकता में उच्च होने की वजह से अन्य अनाजों के मिलाकर भी उपयोग में लाया जा सकता है। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. एके शर्मा ने महिलाओं को किचन गार्डन में तुलसी, लेमनग्रास, स्टीविया, पुदीना, सहजन के पौधे उगाने की सलाह दी। बताया कि गृह वाटिका के एक किनारे पर वर्मी कंपोस्ट का होना अनिवार्य है, ताकि खरपतवार को सड़-गल कर खाद बनाकर उपयोग किया जा सके। केंद्र परिसर में पौधारोपण के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया। इफको प्रबंधक आकाशदीप सक्सेना ने रबी सीजन के सब्जी बीजों के बारे में जानकारी दी। कृभको प्रबंधक गजेंद्र सिंह ने किसानों को पौधारोपण के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम में केंद्र ने 52 बालिकाओं को झंगोरा की खीर वितरित की। इफको के प्रबंधक सक्सेना ने महिलाओं को रबी सीजन में उगायी जाने वाली पांच सब्जियों के 100 पैकेट वितरित किए। केंद्र ने कृभकों के माध्यम से प्रतिभागी महिलाओं को सहजन के पौधे निश्शुल्क उपलब्ध कराए। कार्यक्रम में अनिरूद्ध सक्सेना, ऋषभ शाह, अलका जोशी, मीरा चौहान आंगनबाड़ी सुपरवाईजर आदि उपस्थित रहे।


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