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उत्तराखंड में विजिलेंस अब आरटीआइ के दायरे से हुआ बाहर, इसलिए उठाया गया कदम

सरकार ने सतर्कता विभाग (विजिलेंस) को सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के दायरे से बाहर करने का फैसला लिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 02:27 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 02:27 PM (IST)
उत्तराखंड में विजिलेंस अब आरटीआइ के दायरे से हुआ बाहर, इसलिए उठाया गया कदम
उत्तराखंड में विजिलेंस अब आरटीआइ के दायरे से हुआ बाहर, इसलिए उठाया गया कदम

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने सतर्कता विभाग (विजिलेंस) को सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के दायरे से बाहर करने का फैसला लिया है। आरटीआइ के तहत मांगी जा रही जानकारी से विजिलेंस की जांच और आगे कार्रवाई में दिक्कतों का हवाला देते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।  

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त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने बीते रोज यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार के निर्देश पर कई महत्वपूर्ण मामलों की विजिलेंस जांच चल रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विजिलेंस की खुली जांच कराने का निर्णय भी सरकार ने लिया है। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि विभिन्न मामलों में विजिलेंस जांच शुरू होने के साथ ही आरटीआइ के तहत सूचनाएं मांगने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

इससे विजिलेंस को जांच करने, दोषियों से पूछताछ, आरोपियों की पकड़ने, छापेमारी और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश में अड़चन पेश आ रही है। मंत्रिमंडल ने विजिलेंस को आरटीआइ एक्ट के दायरे से बाहर कर दिया है। इससे सूचना के अधिकार के तहत अब विजिलेंस जांच से संबंधित जानकारी मांगी नहीं जा सकेंगी।   

सिटिजन चार्टर के उल्लंघन पर कार्रवाई 

डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने थानों में लंबित शिकायती प्रार्थना पत्रों के त्वरित निस्तारण के लिए जारी सिटीजन चार्टर के पालन को लेकर क्षेत्रधिकारियों बैठक ली थी। इसमें उन्होंने साफ किया कि चार्टर के अनुसार ही शिकायतों का निस्तारण किया जाए। इसके लिए वे सभी थानेदारों को ब्रीफ कर बता दें कि इसमें लापरवाही पर माफी नहीं मिलेगी। डीआइजी का ये भी कहना था कि शिकायती प्रार्थना पत्रों के समय से निस्तारण के लिए बनाई गई कार्यविधि का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। साथ ही उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय से प्राप्त आदेशों-निर्देशों से भी अधिकारियों-कर्मचारियों को अवगत करा दिया जाए। ड्यूटी के दौरान इन आदेशों का शत प्रतिशत अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।

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