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विद्युत भंडार में आग, 3000 मीटर और स्टेशनरी राख

आराघर स्थित विद्युत भंडार केंद्र में मंगलवार शाम को भीषण आग लगने से अफरा तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की चार टीमों ने देर रात आग पर काबू पाया। इस दौरान पचास लाख की लागत के इलेक्ट्रॉनिक मीटर व अन्य सामान जलने का अनुमान है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 09:37 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 09:37 PM (IST)
विद्युत भंडार में आग, 3000 मीटर और स्टेशनरी राख
विद्युत भंडार में आग, 3000 मीटर और स्टेशनरी राख

जागरण संवाददाता, देहरादून: आराघर स्थित विद्युत भंडार केंद्र में मंगलवार शाम को भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते आग बेकाबू हो गई। भंडार केंद्र चारों ओर से बंद होने के कारण जब दमकल कर्मियों को भीतर घुसने का रास्ता नहीं मिला तो केंद्र के पीछे की दीवार तोड़कर आग बुझाने का प्रयास किया गया। देर रात तक जारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान पूरे क्षेत्र में लोगों की सांसें अटकी रहीं। अग्निकांड से करीब 3000 इलेक्ट्रॉनिक मीटर व स्टेशनरी आदि जलकर राख हो गए, जिनकी कीमत लगभग पचास लाख रुपये आंकी जा रही है।

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पुलिस के अनुसार घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे की है। पुलिस को कर्मचारियों ने आग लगने की जानकारी दी, जिसके तुरंत बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई। करीब 30 मिनट के भीतर दमकल दस्तों ने घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस के साथ मिलकर आग बुझाने का काम शुरू किया। आग की लपटें और धुंए के उठ रहे गुबार से दमकल कर्मियों को भंडार केंद्र के करीब जाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। केंद्र के भीतर प्रवेश करने के लिए ऊर्जा निगम के कर्मचारी व दमकल कर्मी लकड़ी की सीढ़ी लगाकर किसी तरह केंद्र के पिछले हिस्से में पहुंचे और वहां की दीवार को तोड़ा गया। हालांकि, धुआं अधिक होने से कुछ भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था। जब आग पर कुछ हद तक काबू पाया गया, तब जाकर जले हुए ट्रांसफार्मर व मीटरों के बंडल बाहर निकाले गए। जबकि बिल बुक समेत अन्य स्टेशनरी पूरी तरह जलकर राख हो गई थी। इसके बाद भी आग न बुझ पाने पर देर रात चौथे दमकल वाहन को बुलाना पड़ा। तब जाकर आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। गनीमत रही कि इस दौरान किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचा। वहीं, ऊर्जा निगम के चीफ इंजीनियर (गढ़वाल मंडल) एमएल प्रसाद ने बताया कि केंद्र में करीब सात हजार नए विद्युत मीटर रखे थे। जबकि बड़ी संख्या में बिल बुक व अन्य स्टेशनरी भी थी। उन्होंने बताया कि 40 फीसद से अधिक उपकरण व अन्य सामान को नुकसान पहुंचने का अनुमान है।

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लापरवाही का भी अंदेशा

चीफ इंजीनियर (गढ़वाल मंडल) एमएल प्रसाद ने बताया कि मंगलवार दोपहर को स्टोर में 3000 और नए मीटर लाए गए थे और शाम को यह हादसा हो गया। ऐसे में यह भी हो सकता है कि कोई कर्मी बीड़ी पीकर सामान ढो रहा हो और उसने बीड़ी भीतर ही छोड़ दी हो। क्योंकि मीटर में पॉली कार्बोनेट नामक ज्वलनशील पदार्थ लगा होता है, जो जरा सी चिंगारी से भी आग पकड़ लेता है। हालांकि, उन्होंने वास्तविक वजह जांच के बाद ही सामने आने की बात भी कही।

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बड़ा हादसा टला

गनीमत रही कि बिजलीघर आग की चपेट में नहीं आया। दरअसल, जिस भंडार केंद्र में आग लगी, उससे बिजलीघर लगा हुआ है। इस बिजलीघर में चार ट्रांसफार्मर हैं, जिनमें दो 10 एमवीए (मेगा-वोल्ट एंपियर) व दो आठ एमवीए के हैं। इसी बिजली घर से विधानसभा समेत अन्य वीआइपी इलाकों समेत बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति की जाती है। अगर यह बिजलीघर जरा सा भी आग के संपर्क में आता तो बड़ा हादसा हो सकता था।


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