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गढ़ीमयचक गांव का कायकल्प करेंगे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल Dehradun News

रायवाला के गढ़ीमयचक गांव की सूरत जल्द बदल जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने इस ओर कदम बढ़ाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 05:10 PM (IST)
गढ़ीमयचक गांव का कायकल्प करेंगे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल Dehradun News

रायवाला(देहरादून), जेएनएन। लंबे समय से समस्याओं से जूझ रहा रायवाला के गढ़ीमयचक गांव की सूरत जल्द बदल जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने इस ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने गांव को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए ग्रामीणों शौचालय निर्माण के लिए पांच-पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है। इसके अलावा गांव की अंदरूनी सड़क, रास्तों के लिए 10 लाख रुपये देने का वादा भी किया। 

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सोमवार को गढ़ीमयचक में आयोजित कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान लोगों ने बताया कि 70 से अधिक परिवारों के पास शौचालय नहीं हैं। लोग खुले में शौच को मजबूर हैं। बिजली, सड़क और सिंचाई नहरों की हालत बेहद खराब हैं। आवारा पशु और जंगली जानवर फसलों को तबाह कर रहे हैं। आवेदन के बावजूद कई मजबूर लोगों को पेंशन नहीं मिल रही है। वहीं, जब खंड विकास अधिकारी ने फोन नहीं उठाया तो उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से गांव में शौचालय न होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने नागरिकता कानून (सीएए) पर लोगों को जानकारी भी दी। 

गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने अपने 14 जनवरी के अंक में '....तो खुले में शौच मुक्त गांव का दावा निकला झूठा' शीर्षक के साथ इस समस्या को प्रमुखता से उजागर किया था, जिसके बाद से सम्बंधित अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य रीना रांगड़, गणेश रावत, राजेश जुगलान, रमन रांगड़, नरेंद्र रावत, आशीष रांगड़, राजपाल पंवार, धनपाल राणा, कुसुमलता, सविता पोखरियाल, बीना देवी आदि रहे। 

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विधानसभा अध्यक्ष के दौरे पर उठाए सवाल 

ग्राम पंचायत गढ़ीमयचक जयेन्द्रपाल सिंह रावत ने विधानसभा अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के इस कार्यक्रम पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक को ऋषिकेश से गढ़ीमचयक आने में 11 साल लग गए। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक लोग उनकी राह देखते रह गए, लेकिन विधायक ने गांव की सुध तक नहीं ली। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने राजनैतिक दुर्भावना के चलते गढ़ीमयचक को अंधेरे में रखा। 

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