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कार्यवृत्त से भड़का संयुक्त मोर्चा, बदलेगा आंदोलन की रणनीति

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा मुख्य सचिव से वात

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 03:01 AM (IST)
कार्यवृत्त से भड़का संयुक्त मोर्चा, बदलेगा आंदोलन की रणनीति
कार्यवृत्त से भड़का संयुक्त मोर्चा, बदलेगा आंदोलन की रणनीति

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा मुख्य सचिव से वार्ता का कार्यवृत्त जारी होने के बाद भड़क गया है। शासन पर आरोप लगाया है कि पहले की तरह ही इस बार भी कार्मिकों से छल करने का प्रयास किया गया है। कार्यवृत्त के बाद मोर्चे ने आंदोलन की रणनीति में बदलाव करने का फैसला लिया है। दो दिन पहले 29 जून को मुख्यमंत्री आवास कूच करने का फैसला लिया था। लेकिन, एक जून को प्रस्तावित बैठक में इससे पहले ही बड़ा आंदोलन का ऐलान हो सकता है। बता दें कि 15 मई को मुख्य सचिव से वार्ता हुई थी।

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मंगलवार को हुई मोर्चे की बैठक में मुख्य संयोजक ठाकुर प्रह्लाद सिंह ने कहा कि पदोन्नत वेतनमान की पुरानी व्यवस्था बहाल करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत वेतनमान के अंतर्गत ग्रेड वेतन 4200 रुपये देने की मांग पर केंद्र सरकार के सिद्धांत का हवाला दिया गया। स्पष्ट कहा है कि केंद्र सरकार संशोधन करेगी तो संशोधन हो सकता है, अन्यथा नहीं। कार्मिकों को सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदेान्नति की मांग पर भी मोर्चे को यह कहा गया है कि केंद्र सरकार और अन्य राज्यों में लागू व्यवस्था का तुलनात्मक विवरण दें। उत्तराखंड के कार्मिकों की तुलना केंद्र व अन्य राज्यों से करना उचित नहीं है। तमाम पूर्ववर्ती व्यवस्था भी कार्मिकों की मांग पर ही लागू की गई थीं। वहीं, जिन विभागों के कार्मिकों को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान नहीं हुआ, उसे संस्थाओं की वित्तीय घाटे से जोड़कर टालने का प्रयास किया है। अधिकांश मांगों के निराकरण में वित्त विभाग ने टांग अड़ाई है। सातवें वेतनमान के भत्तों के भुगतान को लेकर भी कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं बताई गई। कहा कि भत्तों का भुगतान अनुमन्यता की तिथि से ही किया जाता है, क्योंकि इनका कोई एरियर नहीं मिलता। ऐसे में प्रतिमाह कार्मिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मोर्चे के प्रवक्ता अरुण पांडे ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शासन और मोर्चे की बैठक नहीं होगी, तब तक समाधान नहीं हो सकता। क्योंकि, शासन के अधिकारी मुख्यमंत्री को कुछ और बताते हैं और कार्मिकों को कुछ और। बैठक में रवि पचौरी, रामचंद्र रतूड़ी, संतोष रावत, बनवारी सिंह रावत, इंसारुलहक, बीएस रावत, चौधरी ओमवीर सिंह, एसपी सेमवाल, डीएस असवाल, राकेश शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यवृत्त के अन्य बिंदु

- ग्रेड वेतन 4600 रुपये प्राप्त करने वाले शिक्षकों को मूलवेतन 17140 रुपये अनुमन्य करने की मांग पर वित्त विभाग ने कहा है कि जिनका अपुनरीक्षित वेतनमान रुपये 7450-11500 ग्रेड वेतन 4600 में उच्चीकृत किया गया है या जो उक्त वेतनमान में सीधी भर्ती से नियुक्त हैं, उन्हें ही उक्त मूलवेतन अनुमन्य है। अन्य श्रेणी के शिक्षक इसके पात्र नहीं हैं।

- सातवें वेतनमान के भत्तों के भुगतान पर शासन की ओर से कहा गया कि वेतन समिति की संस्तुति का परीक्षण चल रहा है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित है। इसके बाद प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

-सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिकों को सातवें वेतनमान के अंतर्गत एरियर का भुगतान नहीं होने के मामले में शासन ने संबंधित विभागों को निर्देशित करने की बात ही है। विभाग अपनी-अपनी वित्तीय स्थिति के अनुरूप एरियर देंगे।

-यू-हेल्थ स्मार्ट कार्ड योजना को लागू करने के संबंध में कहा गया है कि इसकी कार्रवाई अंतिम चरण में है।

-उपनल, आउटसोर्स व विशेष श्रेणी के कार्मिकों को नियमित करने व समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग पर 27 अप्रैल को जारी शासनादेश का हवाला दिया गया। इसमें नियमितीकरण व समान कार्य के लिए समान वेतन के पात्र उक्त कर्मचारी नहीं होने की बात है।

-वेतन विसंगतियों का निस्तारण करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने की मांग पर भी सहमति नहीं बनी। शासन ने कहा है कि इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन समिति को भंग किया जा चुका है और राज्य में सातवां वेतनमान भी लागू हो चुका है। ऐसे में वेतन समिति गठित करने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी उचित फोरम गठित करने पर विचार किया जाएगा।

-55 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पुरुष कार्मिकों और 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी महिला कार्मिकों को स्थानांतरण एक्ट से मुक्त रखने की मांग पर शासन ने यह प्रस्ताव स्थानांतरण समिति के सम्मुख रखने का भरोसा दिया।

-पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल करने के मुद्दे पर कहा गया है कि इस संबंध में गठित समिति इस पर विचार कर रही है। सभी कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य करने की मांग पर कहा गया कि वित्तीय नियमों में उल्लेखित व्यवस्था के अनुसार अनुमन्य श्रेणी के कार्मिकों को भुगतान किया जा रहा है। मुख्य सचिव से मिलेंगे

आउटसोर्स कर्मचारियों के मामले में मोर्चे का प्रतिनिधि मंडल अलग से मुख्य सचिव से मिलेगा। इसमें 27 अप्रैल को जारी शासनादेश को निरस्त करने की मांग की जाएगी। दरअसल, उपनल कर्मचारी महासंघ ने शासनादेश के मुद्दे पर रविवार को बैठक बुलाई है। इसमें अलग से आंदोलन को लेकर चर्चा होगी। महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर आंदोलन में देर की गई तो उक्त शासनादेश पर कार्यवाही भी शुरू हो जाएगी। वहीं, मोर्चे ने ब्रिज कोर्स का विरोध कर रहे प्राथमिक शिक्षकों के आंदोलन का भी समर्थन किया। संयोजक मंडल का विस्तार

संयुक्त मोर्चे ने प्रदेश के संयोजक मंडल का विस्तार किया है। इसमें नत्थु सिंह रवि, लक्ष्मण सिंह रावत, विजेंद्र शर्मा, पवन रावत, अजय डबराल, सुभाष शर्मा, डॉ. स्योराज सिंह, अनुज चौहान, पवन सैनी, जगदीश पाल, प्रमोद सिंह को जगह दी है।


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