उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से संवेदनशील: सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से जुड़ी होने कारण सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की दिन-रात सेवा ही है, जिसकी वजह से यहां हम सुकून से रहते हैं। मुख्यमंत्री रविवार को पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस वर्ष ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों को सम्मानित भी किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से जुड़ी होने कारण सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की दिन-रात सेवा ही है, जिसकी वजह से यहां हम सुकून से रहते हैं। मुख्यमंत्री रविवार को पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस वर्ष ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों को सम्मानित किया।
परेड की सलामी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस शहीद पुस्तिका का अवलोकन किया। पुलिस कर्मियों के जज्बे को सलाम करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल एवं अर्द्धसैनिक बलों का है। इस कर्तव्य को पूरा करते हुए उत्तराखंड पुलिस के दो वीर सपूतों ने प्राणों की आहुति दी है। वह हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सीएम ने कहा कि विश्व का कोई ऐसा देश नहीं है, जो आतंकवाद की चुनौती से न जूझ रहा हो, हमें इन चुनौतियों का डटकर सामना करना और सुनियोजित रणनीति के साथ कदम उठाने की जरूरत है।
डीजीपी अनिल के. रतूड़ी ने पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परंपरा का स्मरण करते हुए कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 15 हजार फीट ऊंचे बर्फीले दुर्गम क्षेत्र में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर चीनी अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। जिसमें 10 बहादुर जवान शहीद हो गए। उन्हीं वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि विगत एक वर्ष में पूरे देश में 414 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं, जिसमें से दो उत्तराखंड से हैं। इस मौके पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत, शिक्षा व खेल मंत्री अरविंद पांडे, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, हरबंस कपूर, गणेश जोशी, विनोद चमोली, देशराज कर्णवाल, केदार सिंह रावत, मुन्ना सिंह चौहान, मनोज रावत, एंग्लो इंडियन विधायक जॉर्ज आइवन, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, एडीजी अशोक कुमार, राम सिंह मीणा, एसएसपी निवेदिता कुकरेती व अन्य मौजूद रहे। सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों को दी राहत
निकाय चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता के चलते मुख्यमंत्री ने पुलिस कल्याण के लिए कोई घोषणा तो नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि अदालतों में साक्ष्य पर जाने वाले सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को उनके यात्रा भत्ते का भुगतान सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे ग्रेड पे के आधार पर सेवानिवृत्ति के जनपद या इकाई से किए जाने का शासनादेश पूर्व में ही जारी किया जा चुका है। यह पुलिसकर्मी हुए हैं शहीद
- आइआरबी द्वितीय कांस्टेबिल रमेश लाल।
- पौड़ी में तैनात कांस्टेबिल सुभाष कुमार।
शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित
- मधु राणा, पत्नी शहीद उपनिरीक्षक रामचंद्र सिंह राणा, बीएसएफ
- बुद्धिमति देवी माता शहीद रेडियो ऑपरेटर जगदीश चंद्र भट्ट, बीएसएफ
- पूजा पत्नी शहीद आरक्षी सुभाष कुमार, उत्तराखंड पुलिस विजयी प्रतिभागी पुरस्कृत
16 अक्टूबर को पुलिस लाइन में 'पुलिस स्मृति दिवस: पुलिस ड्यूटी एवं बलिदान' विषय पर पेंटिंग व निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। जिसमें प्रथम स्थान पाने वाली प्रज्ञा रतूड़ी, द्वितीय रही सौम्या सिंह और तृतीय स्थान पर रहे कुशाग्र वर्मा को एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने पुरस्कृत किया। वहीं निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहीं रुचि रावत, द्वितीय सृष्टि मैठाणी, तृतीय स्थान पर रहीं पैंसी सिंह को भी पुरस्कृत किया गया।